सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को अंसवैधानिक बताया, कहा- लोगों को जानने का हक कि सरकार के पास पैसा कहां से आता है और कहां जाता है

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को अंसवैधानिक बताया, कहा- लोगों को जानने का हक कि सरकार के पास पैसा कहां से आता है और कहां जाता है

सुप्रीमकोर्ट ने चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने योजना को अंसवैधानिक करार दिया है. कोर्ट ने कहा कि नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि सरकार के पास पैसा कहां से आता है और कहां जाता है.

सुप्रीमकोर्ट ने चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया है.सुप्रीमकोर्ट ने चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया है.
संजय शर्मा
  • New Delhi,
  • Feb 15, 2024,
  • Updated Feb 15, 2024, 5:03 PM IST

सुप्रीमकोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ा झटका देते हुए चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को अंसवैधानिक करार दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि सरकार के पास पैसा कहां से आता है और कहां जाता है. कोर्ट का आदेश है कि एसबीआई राजनीतिक दलों द्वारा लिए गए चुनावी बांड का ब्योरा पेश करेगा. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि एसबीआई भारत के चुनाव आयोग को डिटेल्स देगा और ECI इन डिटेल्स को वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को अनुच्छेद 19 (1) (ए) का उल्लंघन और असंवैधानिक माना है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द करना होगा. 

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि बैंक तत्काल चुनावी बांड जारी करना बंद कर दें. सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) राजनीतिक दलों द्वारा लिए गए चुनावी बांड का ब्योरा पेश करेगा. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि एसबीआई भारत के चुनाव आयोग को डिटेल्स देगा और ECI इन डिटेल्स को वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि सरकार के पास पैसा कहां से आता है और कहां जाता है. कोर्ट ने माना कि गुमनाम चुनावी बांड सूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन हैं. 

CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इलेक्ट्रोल बॉन्ड के अलावा भी दूसरे तरीके हैं काले धन को रोकने के लिए. राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले फंड के बारे में मतदाताओं को जानने का अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दलों को फंडिंग के बारे में जानकारी होने से लोगों के लिए अपना मताधिकार इस्तेमाल करने में स्पष्टता मिलती है.

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि राजनीतिक दलों के द्वारा फंडिंग की जानकारी उजागर न करना मकसद के विपरीत है. एसबीआई को जानकारी 12 अप्रैल 2019 से सार्वजानिक करनी होगी. एसबीआई ये जानकारी EC को देनी होगी और EC इस जानकारी को साझा करेगा.
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) को तीन हफ्ते के भीतर ये जानकारी देनी होगी.

एसबीआई ये जानकारी EC को देनी होगी और EC इस जानकारी को साझा करेगा. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को 6 मार्च तक इलेक्टोरल बांड की सभी जानकारी इलेक्शन कमीशन को देनी होगी. स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की ओर से मिली इलेक्टरल बैंक की पूरी जानकारी को मिलने के एक हफ्ते बाद इलेक्शन कमीशन को अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करनी होगी.

जिन चुनावी बांड की वैधता अवधि अभी है और राजनीतिक दलों द्वारा अभी तक भुनाया नहीं गया है. राजनीतिक दल उन बॉन्ड को वापस करेंगे और उसका पैसा बॉन्ड लेने वाले को बैंक वापस करेगा.

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