
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में UBT शिवसेना के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र विधान परिषद के पूर्व विपक्ष नेता अंबादास दानवे ने अजित पवार के हालिया बयान पर कड़ा पलटवार किया है. अजित पवार ने कहा था कि जो वोट नहीं देंगे, उन्हें विकास निधि नहीं मिलेगी. इस पर दानवे ने इस बयान को जनता को सीधी धमकी बताते हुए कहा कि वोट देना जनता का संवैधानिक अधिकार है और विकास निधि देना सरकार की जिम्मेदारी. दानवे का कहना है कि विकास निधि किसी नेता की निजी संपत्ति नहीं है, बल्कि जनता के टैक्स का पैसा है. इसलिए इसे वोट के बदले में देने या रोकने की बात लोकतंत्र के खिलाफ है. दानवे ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि ऐसे बयानों पर कार्रवाई की जानी चाहिए.
अंबादास दानवे ने मराठवाड़ा में लगातार बढ़ रही किसान आत्महत्याओं पर भी सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने बताया कि सिर्फ पिछले 10 महीनों में ही 899 किसानों ने आत्महत्या कर ली, और साल के अंत तक यह आंकड़ा और बढ़ सकता है. दानवे ने कहा कि कुछ महीने पहले क्षेत्र में भारी बारिश हुई थी, जिससे किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं. सरकार द्वारा घोषित राहत पैकेज अधूरा साबित हुआ है और बड़ी संख्या में किसान सरकारी मदद से अभी भी वंचित हैं. सरकार की देरी और अधूरी सहायता ही किसानों को मजबूरी में आत्महत्या करने की तरफ धकेल रही है. दानवे ने इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की मांग की है.
हाल ही में सामना में छपी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दानवे ने दावा किया कि एकनाथ शिंदे गुट के कई विधायक पार्टी छोड़ सकते हैं. दानवे के अनुसार, पहले जिन नेताओं को शिंदे मजबूत मानते थे, वे अब उनके साथ नहीं हैं. UBT शिवसेना नेता का कहना है कि बीजेपी कई नेताओं से लगातार बातचीत कर रही है, और संभव है कि शिंदे गुट के कई विधायक जल्द ही BJP में शामिल हो जाएं. दानवे ने इसे शिंदे गुट के अंदर बढ़ती अस्थिरता और असंतोष का संकेत बताया है.
किसानों की समस्याओं पर बोलते हुए दानवे ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया कि बारिश के बाद जो राहत पैकेज घोषित किया गया था, वह जमीनी स्तर पर पूरी तरह लागू ही नहीं हुआ. कई किसानों को मुआवजा नहीं मिला, और जिनको मिला भी, वह उनकी बर्बाद फसल की तुलना में बहुत कम है. दानवे का कहना है कि सरकार का यह रवैया किसानों के संकट को बढ़ा रहा है और उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर कर रहा है.
अंबादास दानवे ने अपने बयानों के माध्यम से सरकार, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और शिंदे गुट- सभी पर एक साथ हमला बोला है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में वोट मांगना अधिकार है, लेकिन धमकी देना गलत है. किसानों की आत्महत्या, अधूरी राहत सहायता, और शिंदे गुट में राजनीतिक हलचल को लेकर दानवे के बयान आने वाले राजनीतिक माहौल को और गर्म कर रहे हैं.
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