
गुरुवार को बिहार की राजधानी पटना के दिल की धड़कन कहे जाने वाले गांधी मैदान में 10वीं बार नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इनके अलावा एनडीए घटक दलों के 26 नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली. इन्हीं मंत्रियों की सूची में पटना नगर निगम के वार्ड पार्षद से अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले रामकृपाल यादव ने भी मंत्री पद की शपथ ली. शपथ ग्रहण के ठीक 24 घंटे बाद उन्हें बिहार के कृषि मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं इससे पहले उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा राज्य के कृषि मंत्री थे.
राजनीति से जुड़े जानकारों की मानें तो रामकृपाल यादव जमीन से जुड़े हुए नेता हैं और यादव समाज में उनकी अच्छी-खासी पैठ है. वहीं अगर कहा जाए तो हाल के समय में भाजपा की ओर से उन्हें मंत्री बनाकर यादव समाज के बड़े नेता के तौर पर उभरने का अवसर दिया गया है. छात्र जीवन के दौरान ही राजनीति में कदम रखने वाले रामकृपाल यादव वकालत की पढ़ाई किए हैं. वही पटना नगर निगम के वार्ड पार्षद का चुनाव जीतने के साथ ही उपमहापौर की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं.
1993 में पहली बार सांसद बने, वहीं आरजेडी पार्टी में रहते हुए 2010 में राज्यसभा सदस्य चुने गए. इसके बाद 2014 में आरजेडी से नाता तोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले रामकृपाल यादव पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद चुने गए. इसी कार्यकाल के दौरान उन्होंने भारत सरकार में राज्य मंत्री के पद पर भी काम किया और अब बिहार के कृषि मंत्री के पद पर एक नई जिम्मेदारी इन्हें दी गई है.
पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से 2024 में भाजपा की सीट पर चुनाव लड़ रहे रामकृपाल यादव को राजद की उम्मीदवार मिसा भारती से करारी हार मिली. इसके ठीक करीब 1 साल बाद बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान दानापुर से विधायक का चुनाव लड़ते हुए उन्होंने लालू यादव के करीबी रीतलाल यादव को हराया और विधायक बने. एनडीए गठबंधन की नई सरकार में उन्हें कृषि मंत्री पद की अहम जिम्मेदारी दी गई है.
राजनीति से जुड़े जानकारों की मानें तो कहा जाता है कि जब लालू यादव मुख्यमंत्री रहे या राबड़ी देवी मुख्यमंत्री रहीं, उस दौरान इन दोनों मुख्यमंत्रियों के कार्यालयों में दो व्यक्तियों को ‘राम’ और ‘श्याम’ के तौर पर जाना जाता था—‘राम’ यानी रामकृपाल यादव और ‘श्याम’ यानी श्याम रजक, जिनकी पार्टी में बड़ी खास भूमिका थी. वहीं, रामकृपाल यादव को लालू यादव का ‘हनुमान’ भी कहा जाता था, लेकिन राजनीतिक मनमुटाव के बाद उन्होंने 2014 में आरजेडी से नाता तोड़कर भाजपा से नाता जोड़ लिया.
विजय कुमार सिन्हा के बाद अब भाजपा कोटे से ही रामकृपाल यादव को बिहार का कृषि मंत्री बनाया गया है. इस पद की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही उनके पास कई ऐसे कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी होगी, जिन पर बिहार के किसान अपनी नजरें गड़ाए हुए हैं. इनमें सबसे बड़ी जिम्मेदारी एनडीए के संकल्प पत्र में की गई घोषणा के तहत कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत कर किसानों को प्रतिवर्ष ₹3000 देने की है. इसके अलावा कृषि उत्पादों के लिए बाजार. साथ ही चौथे कृषि रोड मैप के तहत कृषि विभाग में किए जाने वाले कार्यों को जमीन पर उतारना भी बड़ी चुनौती होगी.
नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोग से 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. इसके साथ ही भाजपा की ओर से 14 विधायकों को निम्न विभागों का मंत्री बनाया गया है—
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