तीन राज्यों के कृष‍ि मंत्रियों की करारी हार, राजस्थान वाले ने तो चुनाव से पहले ही छोड़ द‍िया था मैदान

तीन राज्यों के कृष‍ि मंत्रियों की करारी हार, राजस्थान वाले ने तो चुनाव से पहले ही छोड़ द‍िया था मैदान

Assembly Elections Result: हो सकता है कि यह महज एक संयोग ही हो, लेकिन अपने आप में चौंकाने वाली बात तो है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के कृषि मंत्रियों को उनके अपने व‍िधानसभा क्षेत्र की जनता ने ही र‍िजेक्ट कर द‍िया. जबक‍ि राजस्थान के कृष‍ि मंत्री तो चुनाव मैदान में उतरे ही नहीं.

Agriculture ministers Tamradhwaj Sahu, S Niranjan Reddy, Kamal Patel.    Agriculture ministers Tamradhwaj Sahu, S Niranjan Reddy, Kamal Patel.
ओम प्रकाश
  • New Delhi ,
  • Dec 04, 2023,
  • Updated Dec 04, 2023, 6:13 PM IST

राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और म‍िजोरम के विधानसभा चुनावों में कई उलटफेर देखने को म‍िले हैं. इसमें कई मंत्र‍ियों को हार का सामना करना पड़ा है. लेक‍िन, एक बात द‍िलचस्प है क‍ि तीन राज्यों में कृष‍ि मंत्री चुनाव हार गए हैं. जबक‍ि एक राज्य में कृष‍ि व‍िभाग संभालने वाले नेताजी पहले ही मैदान छोड़ गए थे. सत्ता बीजेपी, कांग्रेस की रही हो या फिर बीआरएस की, एक में भी कृषि मंत्री की कुर्सी नहीं बची. सवाल यह है कि क्या किसी एक भी राज्य के कृषि मंत्री ने किसानों के लिए इतना काम नहीं किया था कि जनता ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया. राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया पहले ही मैदान छोड़ चुके थे. उन्होंने इस बार चुनाव ही नहीं लड़ा था. हालांकि, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जरूर मध्य प्रदेश की दिमनी विधानसभा सीट पर बंपर वोटों से चुनाव जीत गए हैं.

बहरहाल, अब हम आते हैं राज्यों के कृषि मंत्रियों की हार पर. हो सकता है कि यह महज एक संयोग ही हो, लेकिन अपने आप में चौंकाने वाली बात है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और  तेलंगाना के कृषि मंत्री अपने ही क्षेत्र की जनता में छाप नहीं छोड़ सके. किसानों की नाराजगी इन पर भारी पड़ी. जबकि, कृषि ऐसा विषय है जिस पर बीजेपी, कांग्रेस और बीआरएस तीनों फोकस कर रहे थे. तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में तो सरकार ने खेती-किसानी पर विशेष जोर दिया हुआ था.

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किन कृषि मंत्रियों को मिली शिकस्त

  • मध्य प्रदेश में भले ही बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत दर्ज की है लेकिन उसके दिग्गज नेता कमल पटेल चुनाव हार गए हैं. हरदा व‍िधानसभा क्षेत्र में उनके सामने कांग्रेस के प्रत्याशी आरके दोगने खड़े थे. बीजेपी ने गेहूं, धान की एमएसपी पर बोनस देने की घोषणा की, लेकिन कमल पटेल अपने ही क्षेत्र में 'मोदी की गारंटी' के नारे को भुना नहीं पाए. 
  • छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले की हाई प्रोफाइल सीट दुर्ग ग्रामीण पर राज्य के गृह और कृषि मंत्री ताम्रध्वज साहू को हार का सामना करना पड़ा है. इस बुजुर्ग नेता को बीजेपी के ललित चंद्राकर ने पराजित किया है. छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 3100 तो कांग्रेस ने 3200 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदने का वादा किया था.
  • तेलंगाना के कृषि मंत्री एस निरंजन रेड्डी केसीआर के खासमखास लोगों में गिने जाते थे. वो वानापर्थी विधानसभा से चुनाव मैदान में उतरे थे. उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस प्रत्याशी मेघा रेड्डी ने इस सीट पर जीत दर्ज की है. मेघा रेड्डी को कुल 107115 मत मिले जबकि, निरंजन रेड्डी को 81795 मत मिले हैं.  
  • राजस्थान में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने चुनाव ही नहीं लड़ा था. शायद उन्होंने हालात पहले ही भांप लिया था. वो झोटवाड़ा सीट से लड़ते रहे हैं. बताया जाता है कि यहां कटारिया का काफी विरोध था. इस सीट पर बीजेपी के कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने जीत दर्ज की है. हालांकि, खेती-किसानी से ही जुड़े गहलोत सरकार के सहकार‍िता मंत्री उदयलाल आंजना चुनाव हार गए हैं.

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