आदिवासियों से नहीं छीनी जाएगी जंगल की जमीन, नकली खाद-बीज पर सरकार सख्‍त- जनजातीय गौरव दिवस पर बोले शिवराज

आदिवासियों से नहीं छीनी जाएगी जंगल की जमीन, नकली खाद-बीज पर सरकार सख्‍त- जनजातीय गौरव दिवस पर बोले शिवराज

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिलवानी दौरे में कहा कि फॉरेस्ट जमीन पर बसे गरीबों को बेदखल नहीं किया जाएगा. बिरसा मुंडा की विरासत को याद करते हुए उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण, नकली खाद-बीज के खिलाफ कड़े कदम और किसानों को मुआवजा देने की बात कही.

Shivraj Janjatiya Gaurav Diwas YatraShivraj Janjatiya Gaurav Diwas Yatra
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 15, 2025,
  • Updated Nov 15, 2025, 8:38 PM IST

केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र की सिलवानी विधानसभा पहुंचे, जहां उन्होंने जनजातीय गौरव दिवस, प्रधानमंत्री आवास योजना के गृह प्रवेश कार्यक्रम और सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को समर्पित पदयात्रा में भाग लिया. इस दौरान वे रायसेन जिले के ग्राम नारायणपुर में विभागीय स्टॉल और प्रदर्शनी का निरीक्षण करने के साथ ग्राम चंदन पिपलिया के खेल महोत्सव में भी शामिल हुए. चौहान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और बेटियों का जीवन अक्सर घरेलू जिम्मेदारियों और कृषि कार्यों तक सीमित रह जाता है, ऐसे में खेल उन्हें नई ऊर्जा और खुशियां दे सकते हैं. इसी सोच से पूरे संसदीय क्षेत्र में महिलाओं और बच्चियों की सहभागिता वाले खेल आयोजन कराए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जीत या हार से ज्यादा जरूरी यह है कि महिलाएं घर से बाहर निकलें, खेलें और आत्मविश्वास महसूस करें.

आदिवासी समाज और जंगल एक-दूसरे से जुड़े: शिवराज

भगवान बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आदिवासी समुदाय और जंगल को अलग नहीं किया जा सकता, लेकिन अंग्रेजी शासन ने आदिवासियों को उनके ही प्राकृतिक अधिकारों से बेदखल कर दिया था. उस दौर में शोषण, अन्याय और जमीनों पर कब्जे की घटनाएं बढ़ीं. ऐसे समय में भगवान बिरसा मुंडा ने अन्याय, शोषण और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाई.

चौहान ने कहा कि बिरसा भगवान ने साफ कहा था कि धरती, पानी, जंगल और जमीन हमारे हैं और अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालने का संकल्प लिया था. अंग्रेज बिरसा के नाम से कांपते थे और उन्होंने आदिवासी समाज के आत्मसम्मान की रक्षा की. उनके इसी संघर्ष के कारण उन्हें ‘धरती आबा’ कहा गया और आज पूरा देश उनके योगदान को नमन कर रहा है.

जमीन खाली कराने का नोटिस गलत: चौहान

चौहान ने अपने दौरे में सबसे स्‍पष्‍ट संदेश यह दिया कि जंगल की जमीन पर लंबे समय से खेती कर रहे गरीब आदिवासी परिवारों को किसी भी कीमत पर उजाड़ा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि कई गांवों में ग्रामीणों को नोटिस दिए गए हैं, जिनमें जमीन खाली करने की चेतावनी है. यह गलत है और भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसी भी निर्दोष गरीब, किसान या आदिवासी के साथ अन्याय नहीं होने देगी. 

उन्होंने कहा कि यह सरकार गरीबों की हितैषी है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव गरीबों और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. ऐसे में किसानों या आदिवासियों का कब्जा हटाने का सवाल ही नहीं उठता. चौहान ने स्पष्ट कहा कि कुछ अधिकारी बिना विवेक नोटिस जारी कर रहे हैं, इनकी जांच होगी और गलत नोटिस रद्द किए जाएंगे.

नकली खाद-बीज पर कड़ी कार्रवाई

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों की जिंदगी बेहतर बनाना उनकी प्राथमिकता है. उन्होंने बताया कि चना, गेहूं और मसूर के उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं और मिट्टी की वैज्ञानिक जांच कराकर यह तय किया जाएगा कि किस क्षेत्र में कौन-सी फसल उपयुक्त होगी. 

उन्होंने पाइपलाइन मरम्मत से लेकर सिंचाई सुविधाओं की निगरानी तक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. चौहान ने कहा कि क्षेत्र के किसानों ने शिकायत की है कि बायर कंपनी द्वारा उपलब्ध धान का बीज अंकुरित ही नहीं हुआ, जिससे फसल प्रभावित हुई है.

इस मामले की जांच दिल्ली से वैज्ञानिकों की टीम कराएगी और दोषी कंपनी पर कड़ी कार्रवाई होगी, साथ ही प्रभावित किसानों को मुआवजा भी दिलाया जाएगा. उन्होंने घोषणा की कि नकली खाद, बीज और कीटनाशक का व्यापार किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और संसद के आगामी सत्र में इस पर सख्त कानून लाया जाएगा.
 

'महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर'

चौहान ने कहा कि गरीब बहनों के चेहरे पर मुस्कान लाना उनका संकल्प है. लाडली बहना और समान प्रकार की योजनाओं को पूरे देश में मजबूत किया गया है. उन्होंने कहा कि जीवनयापन के लिए पैसा जरूरी है और आधी आबादी को न्याय दिलाना उनकी जिम्मेदारी है.

उन्होंने बताया कि बिहार में महिलाओं ने निर्णायक भूमिका निभाई है और एनडीए को स्पष्ट समर्थन मिला है. चौहान ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हर महिला को लखपति बनाना लक्ष्य है. इसके लिए 50 लाख रुपये तक की बैंक लिंकेज उपलब्ध कराई जा रही है और सरकार आर्थिक रूप से महिलाओं को मजबूत करने के लिए लगातार कदम उठा रही है.

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