पूसा ने किसानों के लिए एक नई एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि अगेती रबी फसलों की तैयारी के लिए खेत की जुताई करने के तुरंत बाद पाटा अवश्य लगाएं, ताकि मिट्टी से नमी का नुकसान न हो. इस मौसम में अगेती मटर की बुवाई कर सकते हैं.
इसकी उन्नत किस्मों में पूसा प्रगति और पूसा श्री शामिल हैं. बीजों को कवकनाशी केप्टान या थायरम @ 2 ग्राम प्रति किग्रा बीज की दर से मिलाकर उपचार करें. उसके बाद फसल विशेष राइजोबियम का टीका अवश्य लगाएं.
सरसों की अगेती बुवाई के लिए पूसा सरसों-25, पूसा सरसों-26, पूसा सरसों 28, पूसा अग्रणी, पूसा तारक, पूसा महक आदि के बीज की व्यवस्था करें. इस मौसम में किसान गाजर की बुवाई मेड़ों पर कर सकते हैं. इसकी उन्नत किस्म पूसा रुधिरा है. बीज दर 4.0 किलोग्राम प्रति एकड़ होनी चाहिए.
इस मौसम में फसलों और सब्जियों में दीमक का प्रकोप होने की संभावना रहती है. इसलिए किसान फसलों की निगरानी करें. यदि प्रकोप दिखाई दे तो क्लोरपाइरीफोस 20 ईसी @ 4.0 मिली/लीटर सिंचाई करें. इस मौसम में किसान अपने खेतों की नियमित निगरानी करें. यदि फसलों और सब्जियों में सफेद मक्खी या चूसक कीटों का प्रकोप दिखाई दें तो इमिडाक्लोप्रिड दवाई 1.0 मिली/3 लीटर पानी में मिलाकर आसमान साफ होने पर छिड़काव करें.
इस मौसम में धान (पूसा सुगन्ध-2511) में आभासी कंड (False Smut) आने की काफी संभावना है. इस बीमारी के आने से धान के दाने आकार में फूल जाते हैं. इसकी रोकथाम के लिए ब्लाइटोक्स 50 की 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से आवश्यकता अनुसार पानी में मिलाकर 10 दिन के अंतराल पर 2-3 बार छिड़काव करें.
इस मौसम में धान की फसल को नष्ट करने वाली ब्राउन प्लांट होपर का आक्रमण आरंभ हो सकता है. इसलिए किसान खेत के अंदर जाकर पौधे के निचली भाग के स्थान पर मच्छर नुमा कीट का निरीक्षण करें. यदि कीट का प्रकोप अधिक है तो इमिडाक्लोप्रिड @ 0.3 मिली प्रति लीटर की दर से छिड़काव आसमान साफ होने पर करें.
इस मौसम में सब्जियों (मिर्च, बैंगन) में यदि फल छेदक, शीर्ष छेदक एवं फूलगोभी व पत्तागोभी में डायमंड़ बेक मोथ की निगरानी के लिए प्रति एकड़ 4-6 फीरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ की दर से लगाएं. प्रकोप अधिक हो तो स्पेनोसेड 1.0 मिली/4 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव आसमान साफ होने पर करें.