अकोला जिले में बीते 24 घंटों के भीतर अचानक मौसम ने करवट ली और कई इलाकों में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. जिले के तीन अलग-अलग हिस्सों से बारिश और बाढ़ से जुड़ी गंभीर घटनाएं सामने आई हैं. वहीं, लोगों के घरों और खेतों में पानी घुस गया है.
सबसे पहले, शेगांव-अकोट राज्य महामार्ग पर स्थित मन नदी के पुल पर सुबह 9 बजे से पानी बहना शुरू हो गया, जिससे इस मार्ग पर पूरी तरह से यातायात ठप हो गया है. यह पुल लोहारा गांव के पास स्थित है, जो अकोला और बुलढाणा जिलों को जोड़ता है.
बीते कई दिनों से बारिश थमी हुई थी, लेकिन सोमवार रात से अचानक हुई मूसलाधार बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं. मन नदी के पुल पर पानी चढ़ने से दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं हैं और प्रशासन ने मार्ग बंद कर दिया है.
इस बीच, तेल्हारा तालुका के पंचगव्हाण-निंबोरा मार्ग पर लेंढी नाले में बह जाने से एक 17 वर्षीय बाइक सवार वैभव गवारगुर की मौत हो गई. सोमवार देर रात को खेत से जंगल में जानवरों को भगाने के लिए चाचा और भतीजा मोटरसाइकिल से निकले थे. रास्ते में लेंढी नाले का पुल पूरी तरह पानी में डूबा हुआ था, जिसका अंदाजा न लग पाने से दोनों बाइक सहित बह गए. हादसे में काका किसी तरह बच निकलने में सफल रहे. इस दुर्घटना के बाद गांव में शोक और दहशत का माहौल है. वहीं, नाले के कारण पंचगव्हाण-निंबोरा मार्ग भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है.
बालापूर तालुका के पारस गांव और आसपास के इलाकों में सोमवार रात बादल फटने जैसी स्थिति बनी, जहां रात 3 बजे से सुबह 7 बजे तक लगातार मूसलाधार बारिश होती रही. पारस गांव जलमग्न हो गया और कई घरों का सामान, खाद्यान्न और खेती के उपकरण बारिश के पानी में बह गए. करीब पांच से छह गांव इस अचानक आई बारिश की चपेट में आ गए हैं. गांववाले पूरी रात घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित जगहों की तलाश करते रहे.
हैरान करने वाली बात यह रही कि जहां पारस और तेल्हारा जैसे इलाकों में भारी बारिश हुई, वहीं अकोला शहर और जिले के कई अन्य भागों में एक बूंद भी बारिश नहीं हुई. इससे मौसम की असमानता और प्रशासनिक सतर्कता पर भी सवाल उठ रहे हैं.
अकोला जिले में मॉनसून का कहर फिर एक बार चिंता का विषय बनकर उभरा है. प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे नदी-नालों से दूर रहें और आवश्यक सावधानी बरतें.