एक तरफ जहां उत्तरकाशी की टनल में फंसे मजदूरों को निकालने की कोशिश की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ खबर आ रही है कि पुणे जिले के इंदापुर में नीरा भीमा जल स्थिरीकरण के टनल में दो किसान उतरे और वे दोनों अन्दर गिर गये. लगभग 300 फुट गहरी सुरंग में गिरे दोनों किसानों की दर्दनाक मौत हो गई है.
यह दोनों किसान बारामती के पास काजड गांव में बन रहे सुरंग में इलेक्ट्रिक पंप चेक करने के लिए उतरे थे. दोनों के शव बाहर निकाले गए हैं. बताया जा रहा है कि हादसे में मौत के शिकार हुए दोनों किसान चाचा भतीजे थे. इंदापुर तालुका के काजड इलाके में नीरा भीमा जल स्थिरीकरण परियोजना की 300 फीट गहरी सुरंग में दो किसानों के गिरने की घटना बुधवार (22 तारीख) शाम करीब 5:30 बजे हुई थी.
किसान सुरंग में स्थापित विद्युत पंप का निरीक्षण करने के लिए बनी लकड़ी की पुलिया पर परियोजना की खुली जगह पर गये थे. बताया गया कि इस पंप से पानी आना बंद होने के कारण ये दोनों सुरंग के पास गये थे. सुरंग में गिरे दोनों किसानों के नाम अनिल नरूटे (उम्र 35) और रतिलाल नरूटे (उम्र 55) है.
सुरंग में दो किसानों के गिरने की खबर मिलते ही इंदापुर तालुका के तहसीलदार श्रीकांत पाटिल और पुलिस मौके पर पहुंची. अंधेरे के कारण दोनों किसानों का रेस्क्यू करना मुश्किल था, इसलिए सुरंग के आसपास लाइट लगाई गई. जिसके बाद बड़ी क्रेन की मदद से सुरंग में एक्सपर्ट की टीम उतारी गई. लगभग 6 घंटे तक गंभीर हालत में सुरंग में रहने के कारण दोनों की मौत हो चुकी थी. दोनों के शव अब बाहर निकल गए और सुबह उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है.
.बताया जा रहा है की एक इलेक्ट्रिक पंप की मदद से उन्होने सुरंग से अपने खेती के लिए पानी निकालने के लिये शाम सुरंग में उतर रहे थे. लेकिन दोनों अपना संतुलन खो बैठे और अंदर गिर गये. इस घटना के बाद सुरंग का काम कर रहे ठेकेदारों से संपर्क किया गया. बड़ी क्रेन की मदद से उनकी तलाश की गई. मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे.
हादसा इंदापुर तालुका में काजड गांव के पास हुआ है, जहां भादलवाड़ी और तावशी के बीच नीरा और भीमा नदियों को जोड़ने के लिए एक सुरंग का काम चल रहा है.