Beal Farming: बेल की पैदावार में अव्वल है ओडिशा, दूसरे नंबर पर आता है झारखंड

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Beal Farming: बेल की पैदावार में अव्वल है ओडिशा, दूसरे नंबर पर आता है झारखंड

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बेल पोषक तत्वों से भरपूर एक महत्वपूर्ण फल है. पर क्या आप जानते हैं कि बेल का सबसे अधिक उत्पादन किस राज्य में होता है? यानी कहां से पूरे देश में सबसे अधिक पहुंचता है बेल. इसके लिए पढ़ें ये रिपोर्ट-

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गर्मी के दिनों में लोग बेल का शरबत पीना और बेल का फल खाना खूब पसंद करते हैं. हमारे देश में बेल का फल धार्मिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है. बेल में औषधीय गुण भी पाए जाते हैं.

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बेल से तैयार औषधी दस्त, पेट दर्द, मरोड़ आदि के लिए प्रयोग की जाती है. बेल के पेड़ में कांटे होते हैं, पेड़ की ऊंचाई 6-10 मीटर होती है और इसके फूल हरे लंबाकार होते हैं, बेल के पत्तों का भी धार्मिक महत्व है.

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बेल प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स का काफी अच्छा स्त्रोत है. बेल में विटामिन सी, बीटा कैरोटीन, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक और आयरन पाए जाते हैं. इतना ही नहीं बेल में डाइटरी फाइबर भी होता है, जिसे पेट के लिए काफी अच्छा माना जाता है.
 

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भारत में सबसे अधिक बेल का उत्पादन ओडिशा में होता है. यानी बेल उत्पादन के मामले में ये राज्य अव्वल है. यहां के किसान हर साल बेल का सबसे अधिक उत्पादन करते हैं. बेल उत्पादन में ओडिशा की 55.3 फीसदी की हिस्सेदारी है. यहां की मिट्टी और जलवायु बेल के लिए बेहतर मानी जाती है.

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राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार बेल की पैदावार में दूसरे स्थान पर झारखंड है. झारखंड में हर साल किसान 40.8 फीसदी बेल का उत्पादन करते हैं. वहीं ये दो राज्य मिलकर 96 फीसदी बेल का उत्पादन करते हैं. 

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