सोयाबीन भारत में खरीफ सीजन की एक प्रमुख फसल मानी जाती है. खरीफ सीजन में देश में बड़े पैमाने पर किसान इसकी खेती करते हैं. इसकी खेती से किसान अच्छी कमाई हासिल करते हैं. सोयाबीन एक ऐसी फसल है जिसकी गिनती दलहनी और तिलहनी फसलों के तौर पर की जाती है. सोयाबीन का इस्तेमाल खाद्य तेल, सोया पनीर बड़ी और सोया दूध बनाने में किया जाता है. देश में सबसे अधिक मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इसकी खेती जाती है. चूंकि यह खरीफ सीजन की फसल है इसलिए जून महीने में ही इसकी खेती शुरू हो जाती है. ऐसे में किसानों को यह जानना जरूरी है कि वे कौन सी किस्मों की खेती करें जिससे अच्छी पैदावार हासिल कर सकें.
सोयाबीन की खेती करने से पहले किसानों को यह जानकारी होनी चाहिए कि इसकी कौन-कौन सी उन्नत किस्में हैं और किस किस्म की खेती से अधिक उत्पादन हासिल किया जा सकता है. इस खबर में आपको सोयाबीन की आठ उन्नत किस्मों के बारे में बताएंगे. साथ ही बताएंगे कि किस राज्य में इसकी खेती किसान कर सकते हैं. इससे उत्पादन कितना हासिल हो सकता है. साथ ही यह भी बताएंगे कि इसकी बुवाई कब की जा सकती है.
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सोयाबीन की उन्नत किस्में
- फूले संगम (केडीएस 726): सोयाबीन के इस किस्म की खेती महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में की जा सकती है. इसकी पैदावार 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है. किसान इस किस्म की खेती 15 जून से लेकर 25 जुलाई तक कर सकते हैं.
- जेएस 2069 किस्मः सोयाबीन के इस किस्म की खेती मध्य भारत के राज्यों में की जा सकती है. इसकी पैदावार थोड़ी कम होती है. किसान इसकी खेती से प्रति एकड़ 22 से 26 क्विंटल तक पैदावार हासिल कर सकते हैं. इसकी खेती जून के महीने में की जाती है. 15 से 22 जून तक किसान इसकी खेती कर सकते हैं.
- प्रताप सोया-1 (आरयूएस 5): सोयाबीन के इस किस्म की खेती उत्तर-पूर्व के राज्यों में की जा सकती है. इस किस्म से प्रति हेक्टेयर किसान 30-25 क्विंटल तक पैदावार हासिल कर सकते हैं. इसकी खेती 15-30 जून तक की जा सकती है.
- एमयूएस 81 (शक्ति) किस्मः इस किस्म के सोयाबीन की खेती मध्य भारत के राज्यों में की जा सकती है. इसकी खेती से किसान प्रति हेक्टेयर 33-35 क्विंटल तक की पैदावार हासिल कर सकते हैं. इसकी खेती जून के महीने में की जाती है. 15 से 30 जून तक किसान इसकी खेती कर सकते हैं.
- एमएसपीएस 1707 किस्मः सोयाबीन के इस किस्म की खेती किसान छत्तीसगढ़, असम, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में की जा सकती है. इसकी पैदावार 39 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है. 20 जून से 5 जुलाई तक किसान इसकी खेती कर सकते हैं.
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- जेएस 9560 किस्मः किसान इस किस्म की खेती मध्य भारत के राज्यों में कर सकते हैं. इसकी पैदावार 25-28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है. इसकी खेती किसान 17 से 25 जून तक सकते हैं.
- बीएस 6124 किस्मः इस किस्म के सोयाबीन की खेती मध्य प्रदेश में की जाती है. इसकी पैदावार 20-25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है. किसान इसकी खेती 15-30 जून तक कर सकते हैं.
- जेएस 2034 किस्मः इस किस्म के सोयाबीन की खेती मध्य प्रदेश में की जाती है. इसकी पैदावार 24-25 क्विंटल कर होती है. 15 जून से 30 जून तक किसान इसकी खेती कर सकते हैं.