कृषि मशीनरी पर जीएसटी सुधारों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे बैठक

कृषि मशीनरी पर जीएसटी सुधारों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे बैठक

शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठक में ट्रैक्टर और कृषि यंत्रीकरण से जुड़े सभी संगठनों के प्रतिनिधि होंगे शामिल. जीएसटी दरों में कमी का किसानों तक पूरा लाभ पहुंचना सुनिश्चित करने के लिए शिवराज सिंह की पहल पर होगी महत्वपूर्ण बैठक.

Shivraj singh chouhan Shivraj singh chouhan
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Sep 18, 2025,
  • Updated Sep 18, 2025, 6:41 PM IST

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में शुक्रवार 19 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी. बैठक में ट्रैक्टर और कृषि यंत्रीकरण संघ (TMA), कृषि मशीनरी निर्माता संघ (AMMA), अखिल भारतीय कम्बाइन हार्वेस्टर निर्माता संघ (AICMA) और पावर टिलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (PTAI) सहित अन्य संबंधित संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे.

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह की पहल पर आयोजित इस बैठक का उद्देश्य कृषि मशीनरी और उपकरणों पर हाल ही में घोषित जीएसटी दरों में कमी (12-18% से घटाकर 5%) के निर्णय पर चर्चा करना, किसानों तक इसके लाभों का व्यापक प्रसार सुनिश्चित करना और सुधार उपायों के सुचारू क्रियान्वयन की रणनीति बनाना होगा.

जीएसटी घटने का फायदा 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा जीएसटी में कमी से ट्रैक्टर और अन्य मशीनरी की कीमतें किसानों के लिए 7 से 13 प्रतिशत तक घटेंगी, वहीं सब्सिडी योजनाओं और घटे कराधान का दोहरा लाभ किसानों को मिलेगा और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत स्वदेशी कृषि मशीनरी निर्माताओं को भी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी.

कृषि उपकरणों पर कर कम होना किसानों के लिए बड़ी राहत है. चौहान ने अभी हाल में कहा कि अब ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, रोटावेटर जैसे उपकरण 18% की बजाय 5% जीएसटी स्लैब में आएंगे. चौहान ने उदाहरण देते हुए कहा कि 9 लाख रुपये का ट्रैक्टर अब किसानों को लगभग 65 हजार रुपए सस्ता पड़ेगा. इसी तरह 35 एचपी से 75 एचपी तक के ट्रैक्टरों पर किसानों को 25 हजार से 63 हजार रुपये तक की बचत होगी.

उन्होंने कहा कि छोटे जोत वाले किसानों के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है. किसान खेती के साथ पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन और कृषि वानिकी जैसे कार्यों से जुड़ेंगे तो उनकी आमदनी कई गुना बढ़ेगी. इस दिशा में जीएसटी छूट का बड़ा योगदान होगा. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी इन सुधारों से बल मिलेगा.

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