तेलंगाना में नई सरकार के गठन के बाद किसानों को जल्द राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अधिकारियों और मंत्रियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद तेनंगाना के नए मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने सोमवार को अधिकारियों को 'रायथु बंधु' योजना के तहत किसानों को वित्तीय सहायता देने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है. सरकार की तरफ से जारी किए गए एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक में रेड्डी ने कृषि विभाग और उसके सहयोगी विंगों के कामकाज और प्रदर्शन और किसानों के लिए कल्याण कार्यक्रमों के कार्यान्वयन पर गहन चर्चा की.
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अधिकारियों को सोमवार से ही किसानों के खातों में 'रायथु बंधु' योजना के तहत वित्तीय सहायता जमा करना शुरू करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने कहा है कि किसी भी किसान को असुविधा पहुंचाए बिना जल्द से जल्द सहायता प्रदान की जानी चाहिए, ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो. इसके अलावा उन्होंने चुनाव पूर्व किए गए वादे के तहत अधिकारियों से दो लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ करने के सत्तारूढ़ कांग्रेस के चुनाव पूर्व वादे को लागू करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने को भी कहा है.
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रेड्डी ने कहा कि ज्योति राव फुले प्रजा भवन (मुख्यमंत्री का कैंप कार्यालय-सह-आधिकारिक आवास) में आयोजित होने वाले 'प्रजा दरबार' को अब 'प्रजा वाणी' कहा जाएगा. यह भी निर्णय लिया गया कि 'प्रजा वाणी' मंगलवार और शुक्रवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक आयोजित की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग सुबह 10 बजे से पहले प्रजा भवन पहुंचेंगे उन्हें अपने आवेदन जमा करने की अनुमति दी जानी चाहिए. रेड्डी ने अधिकारियों से दिव्यांग लोगों और महिलाओं के लिए अलग कतारें लगाने और 'प्रजा वाणी' में आने वाले लोगों के लिए स्वच्छ पेयजल और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा है.
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तेलंगाना में किसानों को रायथु बंधु योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. .योजना के तहत राज्य के किसानों को रबी और खरीफ दोनों की सीजन के लिए 10,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है. किसानों को इस बार पैसे मिलने में देरी हुई क्योंकि राज्य में चुनाव के कारण आचार संहिता लागू थी. हालांकि चुनाव आयोग ने पहले 28 नंवबर तक किसानों को पैसे का भुगतान करने को लेकर निर्देश दिया था पर बाद में कांग्रेस की आपत्ति के बाद योजना के तहत पैसे ट्रांसफर करने के फैसले पर रोक लगा दी थी. इसके बाद अब फिर से पैसे देने की प्रक्रिया शुरू की गई है.