
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक बार फिर भेड़िया हमले का खौफ लौट आया है. कैसरगंज तहसील के कंदौली गांव में रविवार तड़के एक 15 माह की मासूम बच्ची को जंगली जानवर उठा ले गया. घटना के बाद पूरे गांव में दहशत फैल गई है. जानकारी के अनुसार, गांव के निवासी राकेश यादव की पत्नी अपने घर के आंगन में 15 माह की बेटी शान्वी के साथ सो रही थीं. रविवार सुबह करीब 5 बजे अचानक एक जंगली जानवर आया और बच्ची को खाट से उठाकर भाग गया. बच्ची की चीख सुनकर मां जागी, लेकिन तब तक जानवर अंधेरे में ओझल हो चुका था. उसने शोर मचाया तो परिजन और ग्रामीण मौके पर जुट गए.
ग्रामीणों ने आसपास के खेतों में तलाश शुरू की. पास के गन्ने के खेत में भेड़िए जैसे जानवर के पैरों के निशान दिखाई दिए. ग्रामीणों ने पीछा किया तो खेत में खून के निशान और मांस के टुकड़े मिले. इससे यह आशंका और गहरा गई कि यह हमला भेड़िए का ही था.
सूचना मिलने पर वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. ड्रोन कैमरों और डॉग स्क्वॉड की मदद से इलाके में बच्ची की तलाश की जा रही है. डीएफओ राम सिंह यादव ने बताया कि मौके पर जंगली जानवर के पैरों के निशान मिले हैं. प्रारंभिक जांच में यह भेड़िए का हमला प्रतीत होता है. तलाशी अभियान जारी है.
गौरतलब है कि बहराइच जिले के कैसरगंज और महसी तहसीलों में पिछले दो महीनों से भेड़िए के हमलों ने लोगों की नींद उड़ा दी है. 9 सितंबर से 15 अक्टूबर के बीच चार बच्चों और एक वृद्ध दंपती समेत छह लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 29 लोग घायल हुए हैं.
16 अक्टूबर को वन विभाग ने दावा किया था कि हमलों में शामिल चार भेड़ियों में से तीन को मार गिराया गया है, जबकि एक लंगड़ा भेड़िया अब भी बचा है. इसके बाद स्थिति कुछ दिनों तक शांत रही, लेकिन अब फिर उसी क्षेत्र में हमले की घटना ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है.
इन घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश दिए थे कि भेड़ियों को पकड़ा जाए और अगर यह संभव न हो तो शूटकर मारा जाए. सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी है. वहीं, स्थानीय लोगो ने मांग की है कि वन विभाग इलाके में रात गश्त बढ़ाए और भेड़ियों को पकड़ने के लिए विशेष टीम भेजी जाए, ताकि गांवों में फिर से शांति लौट सके. (पीटीआई)