एक ब्यांत में 180 किलो दूध देती है ये बकरी, इसके महंगे मीट की भी है भारी मांग

एक ब्यांत में 180 किलो दूध देती है ये बकरी, इसके महंगे मीट की भी है भारी मांग

बकरी पालन शुरू करने पहले यह जानना जरूरी होता है कि आप जिस क्षेत्र में रह रहे हैं और आपके निवास क्षेत्र में जैसी जलवायु है उस जगह से हिसाब से कौन सी बकरी उपयुक्त है. ऐसी नस्ल जो आपके इलाके में आराम से रह सके उस नस्ल का चयन करना चाहिए इससे पालन में आसानी होती है

बकरी पालन में है बंपर कमाई. (सांकेतिक फोटो)बकरी पालन में है बंपर कमाई. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 16, 2024,
  • Updated Jul 16, 2024, 4:55 PM IST

बकरी पालन किसानों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. यह किसानों के लिए एटीएम की तरह होता है. बकरी पालन करने का फायदा यह होता है कि किसान जब चाहे इसे बेचकर अपने पैसों की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. क्योंकि बकरी को आसानी से बाजार में बेचा जा सकता है. यह तुरंत बिक जाती है और किसानों को इसके अच्छे दाम भी मिल जाते हैं. बकरी पालन का एक और फायदा यह होता है कि किसान बेहद कम पूंजी में इसकी शुरुआत कर सकते हैं. इसके साथ ही इनके रखरखाव में भी अधिक खर्च नहीं आता है और देखरेख करने में भी अधिक परेशानी नहीं होती है. पर बकरी पालन करने से पहले यह जानकारी होती चाहिए कि कौन सी नस्ल बढ़िया होती है. 

बकरी पालन शुरू करने पहले यह जानना जरूरी होता है कि आप जिस क्षेत्र में रह रहे हैं और आपके निवास क्षेत्र में जैसी जलवायु है उस जगह से हिसाब से कौन सी बकरी उपयुक्त है. ऐसी नस्ल जो आपके इलाके में आराम से रह सके उस नस्ल का चयन करना चाहिए इससे पालन में आसानी होती है और नुकसान का सामना नहीं करना पड़ता है. इसके साथ ही यह भी देखें की आप जिस नस्ल की बकरी का पालन कर रहे हैं उनकी बाजार में मीट और दूध के लिए कैसी मांग है. स्थानीय बाजार में उस बकरी की कैसी मांग, बकरी का वजन कितना होता है, दूध कितने देती है, बच्चे कितनी देती है जैसी चीजों की जानकारी रखनी चाहिए. 

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काफी तेजी से होता है बकरियों का विकास

उस्मानाबादी नस्ल की बकरी भी एक ऐसी बकरी है जो किसानों के लिए बेहद फायदेमंद होती है. यह देशी किस्म की नस्ल, जिसका पालन किसान अच्छी कमाई पाने के लिए करते हैं. इस नस्ल की बकरियों में दूध देने की अच्छी क्षमता होती है और यह एक देशी गाय के बराबर दूध दे सकती है. इसके अलावा इनका वजन भी अधिक होता है इसलिए इससे अधिक मीट का उत्पादन होता है. इस नस्ल की बकरी में प्रजनन दर भी काफी अच्छी होती है और यह एक साल में दो बार दो-दो बच्चों को जन्म देती है. इसके साथ ही इन बकरियों का विकास भी काफी तेजी के होता है.  

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उस्मानाबादी बकरी की खासियात

  • इसके फर का रंग मुख्य तौर पर काला होता है. हालांकि कभी-कभी यह सफेद भूरा और धब्बेदार भी पाया जाता है.
  • इसके बाल लंबे और छोटे दोनों प्रकार के होते हैं. जांघों और पिछले हिस्सों में लंबे बाल होते हैं. 
  • शरीर का आकार लंबा और गोल होता है और पैर भी लंबे होते हैं. 
  • जन्म के समय इनका औसत वजन 2.4 किलोग्राम होता है
  • पहली बार बच्चे पैदा करने की औसत आयु 19-20 महीने होती है.
  • इसका मांस अच्छी गुणवत्ता का होता है.
  • बकरी की यह नस्ल  प्रतिदिन 3.5 किलोग्राम तक दूध का उत्पादन करते हैं.
  •  प्रति ब्यांत औसत दूध उत्पादन 170-180 किलोग्राम तक होता है. 

 

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