ओडिशा में एमएसपी पर धान की खरीद चल रही है. हालांकि धान खरीद को लेकर किसानों की तरफ से कई प्रकार की शिकायतें आ रही है क्योंकि किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.धान खरीद की धीमी गति किसानों के लिए सबसे बड़ी परेशानी बनकर उभरी है. क्योंकि इसके कारण किसानों का धान मंडियों में पड़ा हुआ है. इसके अलावा मिलर्स अलग से मनमानी कर रहे हैं. धान की क्वालिटी के नाम पर वो प्रति क्विंटल वजन में चार-पांच किलो धान की कटौती कर रहे हैं. इसके कारण किसानों को नुकसान हो रहा है. इन समस्याओ के बीच एक और शिकायत किसानों की तरफ से आ रही है. यह शिकायत भवानीपटना से आ रही है. यहां पर तौलने वाली मशीन में खराबी की शिकायत की गई है.
किसानों का कहना है कि जूनागढ़ आरएमसी की तरफ से स्थानीय मंडी में जो तौल मशीन की आपूर्ति की गई है, वह खराब है. दोषपूर्ण तौल मशीन के कारण किसानों से अधिक धान ले लिया गया है. इसके बाद अब किसान वजन से अधिक लिए गए धान के पैसे मिलने का इंतजार कर रहे हैं. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक चिचेगुडा पैक्स मंडी से मिली जानकारी के अनुसार, आरएमसी, जूनागढ़ द्वारा आपूर्ति की गई 12 वजन मशीनों में खामियां थीं, जो कम वजन दिखा रही थीं. इतना ही नहीं इन्ही मशीनों से धान की खरीद भी हुई है और मिलर्स ने धान का उठाव भी कर दिया.इसके बाद जब किसानों को इसकी जानकारी मिली तब किसानों ने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए यह सवाल किया है अब उनसे लिए गए अतिरिक्त धान के पैसे की भारपाई कौन करेगा.
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धान बेचने के लिए आए किसान अशोक मेहर ने दावा किया कि धान की एफएक्यू मानकों के नाम पर सबसे पहले तो मिलर्स ने पांच किलोग्राम प्रति क्लिंटल की दर से धान के वजन में कटौती थी. इसके अलावा मशीन की खराबी के कारण साढ़े तीन से चार किलोग्राम तक कम वजन दिखाया गया. इसके कारण किसानों को नुकसान हुआ. इसके बाद कुछ किसानों ने क्रॉस-चेक किया और खामियों की पहचान की, लेकिन तबतक 143 किसानों द्वारा 10,000 क्विंटल से अधिक पहले ही बेचा जा चुका था.
वहीं एक अन्य प्रभावित किसान नितेश ठाकुर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि खराब वजन मशीनों के चलते किसानों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों को हुए इस नुकसान की भारपाई और निवारण के लिए मामले की सूचना तहसील कार्यालय, आपूर्ति विभाग और डीआरसीएस को दी गई है. बड़ी संख्या में किसानों ने विसंगतियों की तत्काल भरपाई का आग्रह किया.
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चिचेगुडा पैक्स के सचिव बसंत मेहर ने कहा कि किसानों की तरफ से शिकायतें मिलने पर, वजन मशीनों की जांच की गई, और त्रुटियां पाई गईं. मेहर ने कहा, आरएमसी को सूचित किए जाने के बाद, 20 दिसंबर को नई मशीनें बदल दी गईं. हालांकि इस बारे में जब आरएमसी के सचिब अबकाश बेहरा से पूछा गया तो उन्होंने स्वीकार किया की मशीनों में तकनीकी खराबी थी. उन्होंने कहा की शिकायते मिलने के बाद खराब मशीनों को बदल दिया गया है. सीएसओ पबित्रा साहू ने कहा कि मंडियां सहकारिता विभाग के नियंत्रण में हैं. उपनिदेशक सहकारिता कार्यालय को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है.