नाग पंचमी भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है. भारत, नेपाल और हिंदू आबादी वाले अन्य देशों में लोग इस त्योहार पर नागों की पारंपरिक पूजा करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नाग देवता को जल चढ़ाकर पूजा-पाठ करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. नाग पंचमी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. इस साल श्रावण मास में मलमास लगने की वजह से श्रावण मास 58 दिनों का है. वहीं इस बार नाग पंचमी सोमवार 21 अगस्त 2023 को है. नाग पंचमी का त्योहार देशभर में बड़ी धूमधाम से माना जाता है. इस दिन कई लोग उपवास भी रखते हैं. मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन उपवास और व्रत कथा का पाठ करने से व्यक्ति को कई प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है आइए जानते हैं क्यों मनाया जाती है नाग पंचमी और क्या है त्योहार का महत्व.
हिन्दू धर्म में सांप को पौराणिक काल से ही देवता के रूप में पूजा जाता रहा है. इसलिए नाग पंचमी के दिन नाग पूजन का अत्यधिक महत्व है. माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने वाले व्यक्ति को सांप के काटने का भय नहीं होता है. इस दिन सांपों को दूध से स्नान, पूजन और दूध पिलाने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन घर के द्वार पर नाग चित्र बनाने की भी परंपरा है. मान्यता है कि घर नाग कृपा से सुरक्षित रहता है.
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पुराण के अनुसार सांप काटने से किसी की मौत हुई हो तो उनको सद्गति नहीं मिलती है. ऐसी आत्माओं को मोक्ष नहीं मिलता. ऐसे में नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से सांप के डसने का भय नहीं रहता है, साथ ही जिन लोगों की अकाल मृत्यु हुई है उन्हें मुक्ति मिलती है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी पर्व के दिन नाग देवता की पूजा करने से और सांपों को दूध पिलाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. दरअसल हिन्दू धर्म के अनुसार सृष्टि पालनहार भगवान विष्णु भी शेषनाग पर विराजमान हैं. वहीं नाग देवता भगवान शिव के प्रिय गणों में से एक हैं. ऐसे में इस दिन भगवान शिव और नाग देवता की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. ब्रह्म पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी ने सांपों को नाग पंचमी के दिन पूजे जाने का वरदान दिया था. इसलिए इस दिन नाग की पूजा का विधान है.