टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी किसी पहचान के मोहताज नहीं है. क्रिकेट जगत में उन्होंने ऐसी छाप छोड़ी कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी धोनी सबसे ज्यादा लाइमलाइट में रहते हैं. धोनी के चाहने वालों की भी कमी नहीं है. कैप्टन कूल के नाम से मशहूर महेंद्र सिंह धोनी कमाई के मामले में भी दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेटरों में से एक हैं. फिर भी धोनी अपने खेत में आम किसान की तरह ट्रैक्टर चलाकर खेती करते हैं. दरअसल कुछ दिनों पहले धोनी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह बता रहे हैं कि उन्होंने खेती करना क्यों शुरू किया?.
बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी का इससे पहले खेत में ट्रैक्टर चलाने का वीडियो भी काफी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. धोनी का यह अंदाज लोगों को खूब पसंद भी आया था और उनका यह वीडियो जमकर शेयर किया गया था. अब जानिए माही के खेती-किसानी करने की वजह.
धोनी ने बताया कि उनके फार्म हाउस के पास 40 एकड़ जमीन है. जहां पर वो खेती करते हैं. उन्होंने बताया कि कोविड महामारी के दौरान जब लोग घरों से बाहर नहीं निकलते थे तो खेती में ज़्यादा वक़्त बिताने का मौका मिला. जहां उन्होंने अपने 40 एकड़ की जमीन में फल से लेकर सब्जियों तक उगाईं. उन्होंने बताया कि कोरोना के समय उन्होंने काफी अलग-अलग प्रकार के विदेशी फल भी उगाए. खेती करने में उन्हें बहुत मजा भी आता था. वहीं धोनी के फॉर्म हाउस में कई तरह की गाय भी हैं, जिनका वो दूध भी बेचते हैं. इसके अलावा भी उनके फॉर्म हाउस में कई जानवर मौजूद हैं.
धोनी ने बताया कि इस दौरान उन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती की थी. इस दौरान उनके परिवार ने भी उनका खेती-बाड़ी में साथ दिया था. क्योंकि कोरोना काल में उनके पास काफी समय था. इसलिए उन्होंने यह काम किया था. 40 एकड़ खेती में उन्होंने स्ट्रॉबेरी की फसल उगाई थी. धोनी ने कहा कि वह रांची जैसे छोटे से शहर से आते हैं, जहां उन्होंने लोगों को खेती करते हुए नजदीक से देखा था. इसलिए वह खेती के प्रति शुरू से आकर्षित थे.
इसके अलावा महेंद्र सिंह धोनी कड़कनाथ मुर्गे की भी फार्मिंग करते हैं. कड़कनाथ मुर्गे और मुर्गी की सबसे बड़ी खासियत है कि यह पूरी तरह से काला होता है. यही नहीं, इसका मांस काला और खून भी काला होता है. इसका चिकन बेहद महंगा करीब 1000 रुपये किलो बिकता है.
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