45 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने भाजपा नेताओं के अकाल तख्त के जत्थेदार से मिलकर उनकी भूख हड़ताल खत्म करवाने की कोशिश पर निशाना साधा. किसान नेता ने कहा कि भाजपा के उन नेताओं को उनकी भूख हड़ताल खत्म करवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करनी चाहिए और उन पर किसानों की मांगें पूरी करने का दबाव बनाना चाहिए. शुक्रवार को डल्लेवाल की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का 46वां दिन चल रहा है. आज उन्होंने तीन मिनट का एक वीडियो संदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि मेंवह अपना अनशन तभी तोड़ेंगे, जब केंद्र किसानों की एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को मान लेगा.
इससे पहले सुखमिंदर पाल सिंह ग्रेवाल और सरचंद सिंह सहित बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से किसान नेता के अनिश्चितकालीन अनशन को समाप्त करने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की थी. प्रतिनिधिमंडल ने दल्लेवाल के बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता जताई.
अपने वीडियो संदेश में दल्लेवाल ने कहा, "हमें जानकारी मिली है कि भाजपा की पंजाब इकाई के नेताओं ने मेरे आमरण अनशन को समाप्त करने के लिए अकाल तख्त से हस्तक्षेप करने की अपील की है. (उन्होंने अकाल तख्त से अपील की है कि) उन्हें निर्देश दिया जाए, ताकि वह अपना अनशन समाप्त कर दें. मैं अकाल तख्त का सम्मान करता हूं. लेकिन पंजाब भाजपा को पीएम मोदी, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री अमित शाह से संपर्क करना चाहिए. उनसे मिलने के बजाय, वे अकाल तख्त जत्थेदार से संपर्क कर रहे हैं."
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संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल पिछले साल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर भूख हड़ताल पर हैं. हाल ही में उनके आह्वान पर 4 जनवरी को खनौरी मोर्चे पर पंजाब हरियाणा से लाखों की संख्या में किसान पहुंचे थे. डल्लेवाल ने लंबे समय तक भूख हड़ताल के दौरान इलाज लेने से मना कर दिया, जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पंजाब सरकार ने कई बार उन्हें मनाने का प्रयास किया.
डल्लेवाल का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि लंबे समय तक उपवास के कारण उनकी हालत बिगड़ती जा रही है. एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी 2024 से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर उनके मार्च को रोक दिया गया था. (पीटीआई)