वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) पर बातचीत सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक माहौल में चल रही है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत के किसानों, मछुआरों और MSME सेक्टर के हितों की पूरी सुरक्षा किए बिना कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा. गोयल ने नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में कहा, "भारत के किसानों का, मछुआरों का, और MSME सेक्टर का, जब तक देश के हितों को पूरी तरह संभाल नहीं लेते, तब तक कोई समझौता नहीं किया जाएगा."
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व वाला भारतीय प्रतिनिधिमंडल इस सप्ताह वॉशिंगटन में अमेरिकी अधिकारियों के साथ तीन दिवसीय वार्ता पूरी कर भारत लौट रहा है. अधिकारियों के अनुसार, इस दौर की बातचीत सकारात्मक रही और पहले के राउंड में उठाई गई कई महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान भी निकाला गया है.
दोनों देशों के बीच पहली बार यह वार्ता फरवरी 2025 में शुरू हुई थी, जब दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते की बातचीत के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया था. ट्रेड डील को अक्टूबर-नवंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक पांच राउंड की बातचीत पूरी हो चुकी हैं. पिछले महीने गोयल की अगुवाई में एक औपचारिक प्रतिनिधिमंडल न्यूयॉर्क में व्यापार वार्ता के लिए गया था.
यह वार्ता इस लिहाज से भी अहम है कि अमेरिका ने पिछली अवधि में भारत के उत्पादों पर 50 प्रतिशत तक शुल्क लगा दिया था, जिसमें रूस से कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त आयात शुल्क शामिल है. भारत ने इसे "अन्यायपूर्ण, असंगत और अव्यवहारिक" बताया है. दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण माहौल के बावजूद, हालिया दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई फोन बातचीत ने व्यापार समझौते के सकारात्मक परिणाम की उम्मीदें बढ़ा दी हैं.
इसके अलावा, अमेरिकी सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने 16 सितंबर को नई दिल्ली में भारतीय अधिकारियों के साथ वार्ता की. इस बैठक में दोनों पक्षों ने समझौते को जल्दी और पारस्परिक रूप से लाभकारी ढंग से पूरा करने की सहमति जताई. प्रस्तावित समझौते का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक वर्तमान 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करना है.
2024-25 में अमेरिका लगातार चौथे वर्ष भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना और इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार 131.84 अरब डॉलर रहा. यह भारत के कुल निर्यात का लगभग 18 प्रतिशत, कुल आयात का 6.22 प्रतिशत और देश के कुल माल व्यापार का 10.73 प्रतिशत है. हालांकि, सितंबर 2025 में भारत के अमेरिका निर्यात में 11.93 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि आयात में 11.78 प्रतिशत की वृद्धि हुई. (पीटीआई)