एमपी में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 5 मार्च 2023 को लाडली बहना योजना शुरू की गई थी. योजना के मानकों को पूरा करने वाली 1.30 करोड़ महिलाओं को वित्तीय सहायता के रूप में 1000 रुपये प्रति माह दिए जाते थे. इस राशि को पिछले साल अगस्त में बढ़ाकर 1250 रुपये प्रति माह कर दिया गया था. साथ ही तत्कालीन सरकार ने इस राशि में 7 चरणों में 250 रुपये का इजाफा कर यह राशि 3 हजार रुपये प्रति माह तक ले जाने का वादा भी किया था. इस वादे पर महिलाओं ने भरोसा जताते हुए Assembly Election में भाजपा को एक बार फिर जीत दिला दी. मगर चुनाव के बाद भाजपा नेतृत्व ने चौहान के बजाय डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बना दिया. इसके बाद से ही इस योजना की लाभार्थी बहनों को सरकार के वादे के मुताबिक वित्तीय सहायता बढ़ाकर 1500 रुपये प्रतिमाह किए जाने का इंतजार है. मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने फिलहाल इस तरह की किसी बढ़ोतरी की संभावना से इनकार किया है.
एमपी में कम आय वर्ग के तबकों से ताल्लुक रखने वाली 1.30 करोड़ महिलाएं लाडली बहना योजना की लाभार्थी हैं. पिछले साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव के बाद से ही इस योजना में मिलने वाली राशि को बढ़ाकर 1500 रुपये प्रतिमाह करने के कयास लग रहे हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार के आय व्यय की हाल ही में हुई समीक्षा के आधार पर लाडली बहना योजना की राशि फिलहाल यथावत रखने का फैसला किया गया है.
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सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट बैठक से पहले सरकार ने पिछली सरकार के वादे के मुताबिक योजना की वित्तीय सहायता राशि को 1500 रुपये करने पर विचार जरूर किया, लेकिन इस दिशा में कोई फैसला नहीं हो सका. हालांकि कैबिनेट बैठक के बाद सीएम यादव ने यह जरूर कहा कि जनकल्याण, खासकर गरीब कल्याण योजनाओं के लिए सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि पहले से चल रही किसी Welfare Scheme को बंद नहीं किया जाएगा.
पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले 5 मार्च को भोपाल के जंबूरी मैदान में लाडली योजना का आगाज किया गया था. उस समय तत्कालीन सीएम शिवराज ने इस योजना को 1000 हजार रुपये प्रति माह वित्तीय सहायता हर लाभार्थी को देने के साथ शुरू कर घोषणा की थी कि इस राशि में 250 रुपये का चरणबद्ध तरीके से इजाफा कर इसे 3 हजार रुपये प्रतिमाह तक ले जाया जाएगा.
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इस वादे के अनुरूप पहले 6 महीने के अंतराल पर 27 अगस्त को सरकार ने इस योजना की वित्तीय सहायता राशि को बढ़ा कर 1250 रुपये प्रतिमाह कर दिया. इसके बाद छह माह पूरे होने पर बहनों काे इस साल मार्च से ही सहायता राशि को 1500 रुपये प्रतिमाह किए जाने का इंतजार है. हालांकि पूर्वनिर्धारित योजना के मुताबिक अब तक यह राशि बढ़कर 1750 रुपये प्रति माह हो जानी चाहिए थी.
गौरतलब है कि पहले से कर्ज के बोझ तले दबी राज्य सरकार फिलहाल सरकार पर Extra Financial Burden बढ़ाने वाला कोई फैसला करने के मूड में नहीं दिखती है. सरकार के आला अधिकारियों ने भी इस बात पर चुप्पी साध ली है कि भाजपा की चुनावी जीत को सुनिश्चित करने वाली इस योजना के तहत वित्तीय सहायता राशि में कब इजाफा होगा.