चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU), हिसार के छात्रों और जिला प्रशासन के बीच समझौता हो गया है, जिसके बाद कुलपति प्रोफेसर बीआर कांबोज के छह महीने की छुट्टी पर जाने की संभावना है. वहीं, छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई और विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा कथित दुर्व्यवहार की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक समिति द्वारा स्वतंत्र जांच की जाएगी. यह घटनाक्रम छात्रों के 15 दिनों के धरने के बाद सामने आया है. सूत्रों ने बताया कि सरकार में उच्च राजनीतिक नेतृत्व ने छात्रों से फोन पर बातचीत की, जिसके बाद सहमति बन गई है.
छात्र नेताओं ने साथी छात्रों और अन्य प्रदर्शनकारियों को बताया कि सरकार उनकी आठ सूत्री मांगों को चरणबद्ध तरीके से लागू करने पर सहमत हो गई है. जवाब में छात्रों ने कहा कि जब तक सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक धरना जारी रहेगा.जिला प्रशासन ने भी पुष्टि की कि सरकार ने छात्रों की मांगों पर सहमति जताई है.
चर्चा के दौरान छात्रों ने दावा किया कि सरकार मुख्य सुरक्षा अधिकारी सुखबीर सिंह के तबादले सहित कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव करने जा रही है. साथ ही रजिस्ट्रार डॉ. पवन कुमार और कुलपति के सचिव कपिल अरोड़ा को उनके वर्तमान पद से हटाया जाएगा. छात्र कल्याण के डीन डॉ. एमएल खीचर को भी कार्यभार से हटा दिया गया है.
छात्रों ने दावा किया है कि उनकी शिकायतों में नामित प्रोफेसरों - डॉ केडी शर्मा, डॉ अतुल ढींगरा और डॉ दलीप बिश्नोई को भी उनके वर्तमान कर्तव्यों से मुक्त कर दिया जाएगा. इसके अलावा छात्रों को आश्वासन दिया गया है कि विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वालों के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक या कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी.
इसके अलावा छात्रों ने कहा कि छात्रवृत्ति पर लगाए गए कटौती को बहाल करने की उनकी मांग को भी स्वीकार कर लिया गया है. जिन परीक्षाओं में अधिकांश छात्र शामिल नहीं हुए थे, उन्हें दोबारा किया जाएगा और कॉलेज में एडमिशन लेने वाले छात्रों के लिए एक समान फीस लागू की जाएगी. उन्होंने दावा किया कि मुख्य एचएयू परिसर में लागू नियम अब कौल और बावल परिसरों तक विस्तारित होंगे, उन्होंने कहा कि एमबीए छात्रों को भी छात्रवृत्ति योजना के तहत लाया जाएगा.
विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद में दो निर्वाचित छात्र प्रतिनिधि शामिल होंगे, जो विश्वविद्यालय प्रशासन में छात्रों की भागीदारी में एक महत्वपूर्ण कदम है. शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने 'द ट्रिब्यून' को बताया कि स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने छात्रों के साथ बातचीत की है और सरकार ने अधिकारियों को समझौते के अंतिम परिणाम का सारांश तैयार करके भेजने को कहा है. उन्होंने कहा कि छात्रों के साथ अपनी पिछली बैठक के दौरान उन्होंने छात्रों की सभी मांगों को पहले ही स्वीकार कर लिया था.