देश में कोरोना के नए वैरियेंट जेएन 1 के बढ़ते मामलों के बीच सभी राज्य सरकारों की चिंता भी बढ़ गई है और इसे लेकर वो अपने राज्य में तैयारी भी कर रहे हैं. कोरोना के नए वेरिएंट के मद्देनज़र गाइडलाइन्स जारी करने के सवाल पर बोले दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 'केंद्र सरकार से 4 दिन पहले चर्चा हुई उसके मुताबिक केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक में नई वायरस का वेरिएंट देखा जा रहा है. यह वेरिएंट ओमिक्रॉन का ही एक सब वेरिएंट है. यह बहुत अधिक गंभीर नहीं हो रहा है. उन्होंने बताया कि 'दिल्ली में रोजाना 400 से 500 सैंपल टेस्ट किया जा रहे हैं. जिनमें से 5 से 7 कोरोना पॉजिटिव मामले रोजाना दर्ज हो रहे हैं. जिसका पॉजिटिविटी रेट 1% से भी काम है. आज की तारीख में दिल्ली के अस्पतालों में कुल 4 कोरोना के मरीज भर्ती हैं'.
संजय भारद्वाज ने कहा कि 'जो मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं उनके सैंपल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं. 'केंद्र सरकार द्वारा भेजी गाइडलाइंस का ही पालन किया जा रहा है. क्योंकि केंद्र सरकार का मानना है कि कोई भी राज्य ऐसा कदम न उठाए जिससे देश में पैनिक फैले. इसलिए सरकार नज़र बनाए हुए है, व्यवस्था मजबूत करने के लिए अस्पतालों में मॉक ड्रिल भी करवाली गई है.' उन्होंने कहा कि 'दिल्ली में नए वेरिएंट को लेकर स्थिति पैनिक की बिल्कुल नहीं है. लेकिन गंभीर बीमारी से ग्रसित, और काम इम्यूनिटी वाले लोगों को भीड़ भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना चाहिए.
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ताज़ा ख़तरा, जैसा कि 2023 की शुरुआत में था, ने कई विशेषज्ञों को सही साबित कर दिया है कि "कोविड अभी दुनिया से ख़त्म नहीं हुआ है". केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों सतर्क हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आगे की योजना बनाई है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने 20 दिसंबर को पीटीआई को बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर बेड और अन्य आवश्यकताओं की "फिर से समीक्षा" की जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि कोविड उप-संस्करण JN.1 संक्रामक है लेकिन "हल्का" है, और जोर देकर कहा कि शहर सरकार इस मुद्दे से निपटने के लिए "पूरी तरह से सतर्क" थी.
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि शहर में सरकार जीनोम निगरानी बढ़ाएगी. उन्होंने बताया कि पिछले बार स्थिति में सुधार होने के बाद मास्क पहनने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया था. अब फिर से इसे लोगों ने पहनना शुरू कर दिया है. क्योंकि शहर में अभी क्रिसमस और नए साल में खूब भीड़ भाड़ होगी. इसके बाद से ही बड़ी संख्या में लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहने हुए देखा जा रहा है. लोग सेनेटाइजर का भी उपयोग करने लगे हैं,
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बीते वर्ष में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा शहर के कई सरकारी अस्पतालों का औचक निरीक्षण भी देखा गया. भारद्वाज ने 21 दिसंबर को दो अस्पतालों का निरीक्षण किया और कहा कि किसी को भी "वीआईपी ट्रीटमेंट" नहीं दिया जाएगा. उन्होंने पूर्वी दिल्ली में लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल और डॉ. हेडगेवार आरोग्य संस्थान का औचक निरीक्षण किया. लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में अपने निरीक्षण के दौरान, भारद्वाज ने कहा कि उन्हें "कुछ मरीजों से शिकायतें" मिलीं, जिसमें आरोप लगाया गया कि अस्पताल के कर्मचारी, विशिष्ट कर्मियों के नाम पर, डॉक्टरों से परामर्श लेने में "कतार को दरकिनार" कर रहे थे. जवाब में, स्वास्थ्य मंत्री ने तुरंत अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया था कि "अस्पताल के कर्मचारियों के नाम पर किसी को भी कोई वीआईपी उपचार प्रदान नहीं किया जाएगा".