Coffee Crop: कॉफी की खेती पर पूरी दुनिया में खतरा, 2050 तक 50 फीसद घट जाएगी पैदावार

Coffee Crop: कॉफी की खेती पर पूरी दुनिया में खतरा, 2050 तक 50 फीसद घट जाएगी पैदावार

एक्सपर्ट के मुताबिक, कॉफी की खेती करने के लिए खास तापमान की जरूरत होती है, सूर्य की रोशनी और नमी की मात्रा भी सामान्य होना चाहिए. मौसम के सभी फैक्टर लैटिन अमेरिका के कुछ खास इलाकों में पाए जाते हैं जहां दुनिया की सबसे अच्छी कॉफी उगाई जाती है. तभी इसे दुनिया का कॉफी बेल्ट कहते हैं. लेकिन क्लाइमेट चेंज ने इस कॉफी बेल्ट को भी प्रभावित किया है जहां हाल के वर्षों में कॉफी की खेती प्रभावित हुई है.

कॉफी की खेती पर खतराकॉफी की खेती पर खतरा
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 14, 2023,
  • Updated Oct 14, 2023, 7:17 AM IST

देश-दुनिया में कॉफी की खेती पर खतरा है. खासकर अरेबिका कॉफी जो दुनिया में सबसे लोकप्रिय वैरायटी है. इस खतरे से कॉफी का बिजनेस तो प्रभावित हो ही रहा है, इसकी खेती करने वाले किसान भी संकट में हैं. इसकी वजह है क्लाइमेट चेंज. क्लाइमेट चेंज के कारण दुनिया के देशों में तापमान में बढ़ोतरी हो रही है. साथ ही कभी अल-नीनो तो कभी ला नीनो के चलते मौसम में तेजी से बदलाव देखा जा रहा है. इन सभी मौसमी बदलावों का असर कॉफी के उत्पादन पर देखा जा रहा है. यही कारण है कि दुनिया की कॉफी की नामी कंपनी स्टारबक्स कॉफी की वैसी वैरायटी पर फोकस कर रही है जो बढ़ते तापमान और बिगड़ैल मौसम को भी झेल सके और अच्छा उत्पादन दे सके. 

एक्सपर्ट के मुताबिक, कॉफी की खेती करने के लिए खास तापमान की जरूरत होती है, सूर्य की रोशनी और नमी की मात्रा भी सामान्य होना चाहिए. मौसम के सभी फैक्टर लैटिन अमेरिका के कुछ खास इलाकों में पाए जाते हैं जहां दुनिया की सबसे अच्छी कॉफी उगाई जाती है. तभी इसे दुनिया का कॉफी बेल्ट कहते हैं. लेकिन क्लाइमेट चेंज ने इस कॉफी बेल्ट को भी प्रभावित किया है जहां हाल के वर्षों में कॉफी की खेती प्रभावित हुई है.

क्या कहती है रिपोर्ट

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि क्लाइमेट चेंज की वजह से लैटिन अमेरिका सहित बाकी मुल्कों में कॉफी की पैदावार 2050 तक 50 परसेंट तक घट सकती है. ऐसे में क्लाइमेट चेंज को नहीं रोका गया तो कॉफी के दिन बुरे हो जाएंगे. एक्सपर्ट मानते हैं कि क्लाइमेट चेंज को अभी रोकना आसान नहीं, इसलिए कॉफी की वैसी वैरायटी उगाने पर फोकस करना होगा जो बढ़ते तापमान और बिगड़ते मौसम को झेल सके.

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दुनिया में कॉफी स्टोर का चेन चलाने वाली कंपनी स्टारबक्स पूरी पैदावार की तीन फीसद कॉफी खुद खरीदती है. लेकिन आने वाले समय में इसके बिजनेस पर असर हो सकता है जिसे देखते हुए यह कंपनी अरेबिका कॉफी की ऐसी वैरायटी विकसित करने पर काम कर रही है जो गर्म मौसम और तापमान को भी झेल सके. यह कंपनी पिछले 10 साल से ऐसी वैरायटी पर काम कर रही है. यह वैरायटी उतार-चढ़ाव वाले तापमान में अधिक उपज दे सकती है, साथ ही कॉफी लीफ रस्ट बीमारी के प्रति प्रतिरोधी होगी.

नई वैरायटी पर रिसर्च

कोस्टा रिका के एक रिसर्च सेंटर में इस तरह की छह वैरायटी किसानों के लिए तैयार की गई है जिस पर अभी रिसर्च जारी है. सामान्य कॉफी तीन या चार साल में तैयार होती है, लेकिन कोस्टा रिका की नई वैरायटी दो साल में तैयार होगी. स्टारबक्स दुनिया में 36,000 जगहों पर अपना बिजनेस करती है और लगभग 400,000 किसानों से सीधा कॉफी खरीदती है जो कि 30 देशों में फैले हुए हैं. 

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इसमें कोई शक नहीं कि कॉफी क्लाइमेट चेंज के कारण खतरे में पड़ी एकमात्र फसल नहीं है. सूखा, ठंड या भारी बारिश कोको से लेकर अंगूर तक की पैदावार को नष्ट कर सकती है और इससे किसानों को सबसे अधिक मुश्किल होती है क्योंकि वे जल्दी में कोई समाधान नहीं ढूंढ सकते. दूसरी ओर स्टारबक्स द्वारा उपयोग की जाने वाली एकमात्र किस्म अरेबिका कॉफी विशेष रूप से खतरे में है.

 

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