Bihar: मौसम की बेरुखी से किसान परेशान, धान की रोपाई पर छाया संकट, कृषि विभाग ने मक्के की खेती करने की अपील 

Bihar: मौसम की बेरुखी से किसान परेशान, धान की रोपाई पर छाया संकट, कृषि विभाग ने मक्के की खेती करने की अपील 

बिहार के मुंगेर जिला में सूखे जैसे हालात होने के बाद कृषि विभाग के प्रधान सचिव ने धान की खेती छोड़ किसानों से मक्का की खेती करने की अपील. सचिव ने कहा जलवायु परिवर्तन के साथ किसानों को बदलना जरूरी. सरकार फ्री में दस हजार हेक्टेयर भूमि के लिए मुफ्त में मक्का बीज करवा रही उपलब्ध.

कृषि विभाग ने मक्के की खेती करने की अपील, सांकेतिक तस्वीर कृषि विभाग ने मक्के की खेती करने की अपील, सांकेतिक तस्वीर
क‍िसान तक
  • Munger,
  • Aug 09, 2023,
  • Updated Aug 09, 2023, 9:26 AM IST

रबी सीजन में आंधी-तूफान और बेमौसमी भारी बारिश ने किसानों को काफी परेशान किया था. किसानों की लाखों की फसलें बर्बाद हो गई थीं. अब खरीफ सीजन चल रहा है. इस मौसम में भी मॉनसून ने किसानों को काफी परेशान कर रखा है. कहीं भारी बारिश होने की वजह से फसलें जलमग्न हो गई हैं, तो कहीं सूखे जैसे हालात हैं और किसान काफी परेशान हैं. मौसम की इस बेरुखी को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने बिहार के किसानों से धान की खेती छोड़ मक्के की खेती करने की अपील किया है. दरअसल, दिन-प्रतिदिन कम हो रही बारिश की वजह से पिछले कई वर्षों से धान की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. कुछ ऐसी ही स्थिति इस वर्ष भी देखने को मिल रही है. इस वर्ष भी किसानों ने धान की बीज तो खेत में लगा दिया है लेकिन बारिश नहीं होने की वजह से सूखे जैसे हालात हो गए हैं.

कुछ जगह जहां सिंचाई का स्त्रोत है वहां किसानों ने धान तो लगा दिया, लेकिन जितनी पानी धान को चाहिए वो उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. मुंगेर का ज्यादातर इलाके के किसान धान की खेती पर आश्रित है, लेकिन बारिश नहीं होने की वजह से उनके माथे पर परेशानी की लकीर खींच गई है. वैसे भी मुंगेर धान के कटोरा के नाम से प्रसिद्ध है, लेकिन बीते कुछ वर्षों से किसानों को धान की खेती ने घाटे में पहुंचा दिया है.

‘किसानों से मक्के की खेती करने की अपील’ 

वहीं कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने कल देर शाम तक कृषि विभाग के अधिकारियों सहित अन्य के साथ प्रमंडल स्तर की बैठक की. जिसमें दिन प्रतिदिन कम हो रही बारिश को देखते हुए किसान ऐसे में खेती कैसे करें इसको लेकर चर्चा की. वहीं कृषि सचिव ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के साथ किसानों को भी बदलना होगा. किसान धान की खेती ना कर मक्के की खेती करें. इसमें कम पानी लगती है और मुनाफा भी ज्यादा होता है. सरकार मुफ्त में किसानों को मक्के की बीज उपलब्ध करा रही है. 

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डीजल से खेती करने वाले किसानों को मिलेगा अनुदान 

मुंगेर कमिश्नरी क्षेत्र में इस बार काफी कम बारिश हुई है. हर वर्ष की अपेक्षा इस बार 50 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इसके कारण कई इलाकों में धान की खेती नहीं हुई है. ऐसे में किसानों को कम से कम कृषि फीडर से बारह घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाए. इसके साथ ही डीजल से खेती करने वाले किसानों को डीजल अनुदान की राशि मुहैया कराई जाएगी.

‘मक्के की खेती किसानों के लिए साबित होगा वरदान’ 

उन्होंने कहा कि जहां बारिश कम हुई है तथा इसके कारण धान की खेती कम हुई है, ऐसे में वहां के किसान मक्के की खेती करें. इसके लिए सरकार उन्हें बीज तथा तकनीकी सहायता मुफ्त में उपलब्ध कराएगी. इससे किसानों के घाटे की पूर्ति की जा सकती है. सचिव ने कहा कि असरगंज, खड़गपुर, संग्रामपुर, तारापुर तथा टेटिया बम्बर में धान का बिचड़ा तैयार है पर बारिश के अभाव में वहां धान नहीं लग पाया है. ऐसे में किसान वहां मक्का लगाएं. मक्के की खेती में धान की खेती की अपेक्षा एक तिहाई पानी की जरूरत होती है. ऐसे में सूखे के समय में मक्का किसानों के लिए वरदान साबित होगा. 

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जलवायु परिवर्तन के कारण हर साल कम बारिश हो रही है. ऐसे में किसानों को अच्छी गुणवत्ता के मक्के का बीज दिया जाएगा. यदि किसान अगले दस दिन में मक्का लगा लेते हैं उन्हें अच्छा उत्पादन मिल सकेगा. सरकार दस हजार हेक्टेयर में मक्का की खेती के लिए मुफ्त बीज मुहैया कराएगी. (मुंगेर से गोविंद कुमार की रिपोर्ट)

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