Bharat Ratna Chaudhary Charan Singh: किसानों के लिए पूरी तरह समर्पित थे चौधरी चरण सिंह, पढ़िए प्रोफाइल

Bharat Ratna Chaudhary Charan Singh: किसानों के लिए पूरी तरह समर्पित थे चौधरी चरण सिंह, पढ़िए प्रोफाइल

देश के प्रधानमंत्री के रूप में अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान चौधरी चरण सिंह ने किसानों की भलाई के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं भी शुरू की. किसानों को साहूकारों और उनके अत्याचारों से राहत दिलाने के लिए उन्होंने 1939 में ऋण मोचन विधेयक वापस पेश किया.

किसानों के लिए पूरी तरह समर्पित थे चौधरी चरण सिंहकिसानों के लिए पूरी तरह समर्पित थे चौधरी चरण सिंह
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 09, 2024,
  • Updated Feb 09, 2024, 1:38 PM IST

देश में किसानों की आवाज उठाने वाले कई बड़े नेता हुए, लेकिन किसान अपना मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को मानते हैं. वहीं आज यानी 09 फरवरी को केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के नेता चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का ऐलान किया है. पीएम मोदी ने पोस्ट करते हुए कहा, 'हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है. यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है. उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की. वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे. हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है'.

चौधरी चरण सिंह भले ही देश के प्रधानमंत्री के पद पर रहे हों, लेकिन आज भी उनको लोग किसान नेता के तौर पर याद करते हैं. ऐसे में उनकी याद मे हर साल 23 दिसंबर को उनके जन्मदिन के दिन अवसर पर किसान दिवस भी मनाया जाता है.

किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं

देश के प्रधानमंत्री के रूप में अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान चौधरी चरण सिंह ने किसानों की भलाई के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं भी शुरू की. किसानों को साहूकारों और उनके अत्याचारों से राहत दिलाने के लिए उन्होंने 1939 में ऋण मोचन विधेयक वापस पेश किया. 1962-63 तक, उन्होंने सुचेता कृपलानी के मंत्रालय में कृषि और वन मंत्री के रूप में भी काम किया.

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सादा जीवन जीने में विश्वास रखने वाले चौधरी चरण सिंह ने अपना अधिकांश खाली समय पढ़ने और लिखने में बिताया. उन्होंने अपने जीवनकाल में कई किताबें और पर्चे लिखे. उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाएं भी हैं. जैसे सहकारी खेती एक्स-रे, जमींदारी का उन्मूलन, भारत की गरीबी और इसका समाधान.

चौधरी चरण सिंह के जीवन की कहानी

पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह बीएससी और लॉ ग्रेजुएट थे. उन्होंने आगरा से अपनी पढ़ाई की थी. परिवारवाद का विरोध करने वाले चरण सिंह जातिवाद के भी खिलाफ थे. पढ़ाई के दौरान ही उनके साथ ऐसी घटना हुई जिसके चलते उनका बहिष्कार कर दिया गया. हालात ये थे कि हॉस्टल की मेस में पूरे एक महीने उन्हें खाना तक नहीं मिला. बावजूद इसके चरण सिंह अपने विचार और फैसले पर कायम रहे. हमारे देश के किसानों के लिए उनकी बहुमूल्य सेवाओं के लिए उन्हें सराहा जाता है.

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