पंजाब-हरियाणा के झींगा किसानों को चंडीगढ़ में मिलेगा पहला घरेलू बाजार, आ रहा है “झींगालाला”

पंजाब-हरियाणा के झींगा किसानों को चंडीगढ़ में मिलेगा पहला घरेलू बाजार, आ रहा है “झींगालाला”

झींगा के हैचरी एक्सपर्ट रवि कुमार येलांकी का कहना है कि 14-15 ग्राम वजन वाला झींगा तालाब में 70 से 80 दिन में तैयार हो जाता है. अगर कोई कमी रह भी जाती है तो ज्यादा से ज्यादा 90 दिन में तो हर हाल में तैयार हो ही जाएगा. इसके अलावा अगर बड़े साइज का झींगा तैयार करना है तो ज्यादा से ज्यादा चार महीने में तैयार हो जाएगा. इस तरह से एक साल में झींगा की तीन से चार बार तक फसल तैयार की जा सकती है. 

झींगा से बनी एक डिश. फोटो क्रेडिट-मनोज शर्मा झींगा से बनी एक डिश. फोटो क्रेडिट-मनोज शर्मा
नासि‍र हुसैन
  • नई दिल्ली,
  • Jun 12, 2023,
  • Updated Jun 12, 2023, 10:13 PM IST

पंजाब-हरियाणा और राजस्थाान में झींगा मछली का पालन करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है. जल्द ही उन्हें झींगा मछली के लिए घरेलू बाजार मिल जाएगा. तीनों राज्यों में अगर पंजाब की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा 12 से 13 सौ एकड़ एरिया में झींगा पालन हो रहा है. तीनों राज्यों  में कुल मिलाकर करीब 2.5 हजार एकड़ एरिया में झींगा पालन किया जा रहा है. यह पहला मौका होगा जब उत्त‍र भारत में झींगा का पहला रेस्टोरेंट “झींगालाला” खुलने जा रहा है. हालांकि गुजरात से झींगालाला की शुरुआत हो चुकी है. झींगा के घरेलू बाजार को बढ़ावा देने के लिए मछलियों के डॉक्टर मनोज शर्मा ने इसकी शुरुआत की है.

पंजाब फिशरीज डिपार्टमेंट के असिस्टेंट डायरेक्टर कर्मजीत सिंह के मुताबिक खास बात यह है कि पंजाब-हरियाणा और राजस्थान तेजी से उभरते झींगा पालन के नए क्षेत्र हैं. पंजाब में सबसे पहले झींगा की शुरुआत मुक्तसर साहिब, फिरोजपुर, फाजिलका, फरीदपुर, भाटिंडा और मानसा से हुई थी. यहां खारे पानी के चलते कोई दूसरी खेती नहीं हो पाती थी. जबकि झींगा पालन के लिए खारे पानी और मिट्टी की ही जरूरत होती है. 

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तीनों राज्यों के सात हजार टन झींगा को मिलेगा बाजार 

डॉ. मनोज शर्मा ने किसान तक को बताया कि झींगा पालन पूरी तरह से एक्सपोर्ट पर निर्भर है. लेकिन हम सभी जानते हैं कि किसी न किसी देश में कोई न कोई परेशानी आती रहती है. जिसका सीधा असर उस प्रोडक्ट के एक्सपोर्ट पर पड़ता है. यही झींगा के साथ भी होता है. इसी के चलते झींगा के घरेलू बाजार को बढ़ाने के लिए गुजरात में झींगालाला की शुरुआत की थी. आज उसी को चंढीगढ़ में खोलने की तैयारी चल रही है. यहां सिर्फ झींगा से बने आइटम ही मिलेंगे. अगर पंजाब-हरियाणा और राजस्था न की बात करें तो यहां सालाना करीब सात हजार टन झींगा उत्पादन होता है. 

अगर पंजाब में आज हम शुरुआत कर रहे हैं तो डिमांड बढ़ने पर कल कोई और भी शुरू करेगा. फिर हरियाणा में भी शुरुआत हो सकती है. राजस्था न तो पर्यटन का शहर है. थोड़ा बहुत तो आज भी राजस्थान के बाजार में बिकता है. इसी तरह की कोशिश करने से ही झींगा का घरेलू बाजार तैयार होगा और किसानों को उनके झींगा का सही रेट मिलेगा.

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विदेशों में भारतीय झींगा की खूब है डिमांड 

डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि देश से ज्यादा विदेशों के बाजार में हर तरह के साइज वाले भारतीय झींगा की बहुत डिमांड है. जैसे चीन, यूरोप और अमेरिका की बात करें तो यहां झींगा की बहुत खपत है. यहां बड़े साइज का झींगा भी खाया जाता है. अगर छोटे साइज जैसे 14 से 15 ग्राम की बात करें तो इसकी सबसे ज्यादा डिमांड है. एक किलो वजन में यह 60 से 70 पीस आ जाते हैं. नौ ग्राम का झींगा भी बाजार में मांगा जाता है. लेकिन इसकी डिमांड ज्यादा नहीं है. झींगा के रेट विदेशी बाजारों के चलते चढ़ते और उतरते रहते हैं. कुछ महीने पहले तो यह 350 से 360 रुपये के आसपास बिक रहा था. 

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