नेपाल जाकर टमाटर खरीद रहे उत्तराखंड के लोग! वहां आधे से भी कम चल रहा भाव

नेपाल जाकर टमाटर खरीद रहे उत्तराखंड के लोग! वहां आधे से भी कम चल रहा भाव

भारत में टमाटर का रेट 120 से 130 रुपये किलो चल रहा है. वहीं नेपाल में इसका भाव 60 रुपये चल रहा है. इस तरह नेपाल बॉर्डर से सटे पिथौरागढ़ और चंपावत जिले के लोग नेपाल में जाकर टमाटर खरीद रहे हैं. महंगाई के बीच क्रॉस बॉर्डर की यह खरीद और भी बढ़ गई है.

नेपाल जाकर टमाटर खरीद रहे हैं उत्तराखंड के दो जिलों के लोगनेपाल जाकर टमाटर खरीद रहे हैं उत्तराखंड के दो जिलों के लोग
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 14, 2023,
  • Updated Jul 14, 2023, 12:12 PM IST

टमाटर की बढ़ती महंगाई ने सबको परेशान कर रखा है. अधिकांश लोग तो टमाटर खरीद ही नहीं रहे हैं. महंगाई की वजह से टमाटर सब्जी से गायब हो चला है. इसी बीच नेपाल के बॉर्डर से सटे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से एक दिलचस्प खबर आई है. इस जिले के लोग नेपाल बॉर्डर पार कर सस्ते में टमाटर खरीद रहे हैं और थोक में अपने घर भी ला रहे हैं. नेपाल बॉर्डर से नजदीक धारचुला और बनबासा है जहां के लोग बॉर्डर पार नेपाल जाते हैं और वहां से टमाटर खरीद रहे हैं. नेपाल में भारत की तरह टमाटर की किल्लत नहीं है और उत्पादन भी अच्छा है. इसलिए नेपाल में टमाटर अभी सस्ते में बिक रहा है.

भारत के राज्यों में औसतन टमाटर का भाव 120 से 130 रुपये चल रहा है जबकि नेपाल का टमाटर वहां की करंसी में 100 से 110 रुपये बिक रहा है. भारत के करंसी के हिसाब से नेपाली टमाटर का रेट 62 से 69 रुपये प्रति किलो है. इस तरह भारत में जितने रुपये में एक किलो टमाटर मिलेगा, उतने में नेपाल से दो किलो खरीदा जा सकता है. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के लोग इसका पूरा फायदा उठा रहे हैं.

नेपाल के किसानों की बढ़ी आय

इससे नेपाल के व्यापारियों की भी इनकम बढ़ गई है क्योंकि भारत से टमाटर की अच्छी मांग आ रही है. नेपाल के किसान भी अच्छी कमाई कर रहे हैं. नेपाल के किसान इसकी तैयारी में पहले ही लग जाते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि भारत में मॉनसून में सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं. किसानों की कमाई बढ़े, इसके लिए नेपाल सरकार ने कई कोशिशें की हैं. इसमें अलग-अलग फसलें लगाने के लिए किसानों को इंसेंटिव दिया जा रहा है. किसानों को सबसे अधिक सब्जियों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

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'टाइम्स ऑफ इंडिया' की एक रिपोर्ट में कहा गया है, नेपाल सरकार ने किसानों का एक ग्रुप बनाया है जिसमें शामिल लोगों को बीज दिया जाता है, खाद और पॉलीहाउस दिए जाते हैं. किसानों को कृषि सब्सिडी भी दी जाती है. इसका नतीजा है कि अब नेपाल के अधिकांश किसान मौसमी और गैर-मौसमी सब्जियां उगा रहे हैं. इन सब्जियों में टमाटर की खेती सबसे अधिक हो रही है. अब इसी टमाटर का फायदा नेपाल के किसान उठा रहे हैं.

नेपाल से भारत आ रहीं सब्जियां

नेपाल के एक व्यापारी ने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से कहा कि वहां उगाए गए पत्तागोभी और पालक बड़ी मात्रा में भारत आ रहे हैं. भारत में जब सब्जियों के रेट बढ़ते हैं तो नेपाल से इनकी सप्लाई बढ़ जाती है. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चंपावत जिले में नेपाल से बॉर्डर पार बिजनेस बहुत आसानी से होता है. यहां तक कि दोनों तरफ के लोग आसानी से पुल पार करते हैं और दूसरे पार जाकर खरीदारी करते हैं. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ व्यापारी नेपाल गए और वहां से थोक में 40 रुपये किलो टमाटर खरीद कर भारत लाए. यहां बेचकर अच्छी कमाई की. पिथौरागढ़ की डीएम रीना जोशी कहती हैं, दोनों तरफ के लोग अकसर बॉर्डर पार करते हैं और जरूरत की चीजें खरीदते हैं. हालांकि सिक्योरिटी एजेंसियां इसकी बराबर निगरानी करती हैं.

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