उत्तरी भारत में बरसात और तेज हवा ने किसानों की गेहूं की फसल को खेतों में बिछा दिया. गेहूं पकने को तैयार है और 15 दिन बाद मंडी में आनी थी. लेकिन किसान इस बारिश से मायूस हो गए हैं क्योंकि इससे गेहूं का दाना काला होगा और उत्पादन भी कम होगा. इसकी चिंता किसानों को सता रही है. इस बरसात से हज़ारों एकड़ फसल प्रभावित होगी. तेज़ हवाओं के कारण खेतों में फसल भी लगभग बिछ गई है जिससे किसानों को काफी नुक्सान होगा. किसानों का कहना है कि बेमौसमी बरसात से गेहूं कि फसल को काफी नुकसान हुआ है क्योंकि फसल लगभग पक गई थी और 10 दिनों तक मंडी में आ जानी थी. लेकिन इस बरसात से फसल खराब हो गई है. उत्तर भारत के कई राज्यों में ऐसी स्थिति देखी जा रही है.
हरियाणा के अंबाला में किसानों का कहना है कि जिन लोगों ने अभी सूरजमुखी लगाई हुई है, वे भी इस बरसात से नहीं बचेंगे. आजकल मंडी में सरसों की फसल आई हुई है, उसका भी नुकसान होगा. किसानों का कहना है कि अगर और बरसात हो गई तो गेहूं की फसल में कुछ भी नहीं बचेगा. किसानों का कहना है कि अगर बरसात यही रुक जाती है तो कुछ फसलें बच जाएंगी. लेकिन मौसम विभाग के अलर्ट के मुताबिक तीन दिन और बरसात हुई तो बहुत ज्यादा नुकसान होगा. पिछले साल भी किसानों को काफी नुकसान हुआ था क्योंकि किसानों ने पहले ही आढ़तियों से कर्ज लिया हुआ है.
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में शनिवार दोपहर में मौसम बदल गया. सुबह से छा रहे बादल अचानक गहरे काले बादलों में तब्दील हो गए और फिर तेज बारिश और मध्यम बारिश होने लगी. बारिश का असर यह हुआ कि बाजारों में एकदम वीरानी छा गई. सड़क पर चल रहे वाहन हेड लाइट ऑन करके चलने लगे. सड़कें लगभग सुनसान सी हो गईं. बताया जा रहा है कि इस बारिश से गेहूं की फसल को भी नुकसान होने की संभावना है. रुक रुक कर और कभी तेज बारिश लगातार पूरे जनपद में दर्ज की गई.
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किसानों को हमेशा कुदरत की मार पड़ती रहती है और इस बार फिर कुदरत की मार पड़ी है. मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी किया था जिसके चलते फिरोजपुर में बारिश और रात के समय तेज हवाएं चलने के कारण किसानों की गेहूं की फसल नीचे बिछ गई. इससे किसानों की फसल का नुकसान हुआ है. किसानों का कहना है कि हमारी फसल की पैदावार कम होगी. सरकार को हमारी ओर देखना चाहिए.
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में बेमौसम हो रही बारिश से किसान काफी परेशान हैं. किसानों के लिए यह बरसात आफत की बरसात बन गई है. बरसात ने कई इलाकों में किसानों की फसल को चौपट कर दिया है. खेतों में खड़ी गेहूं और सरसों की फसल गिर गई है. वहीं आलू की फसल को भी नुकसान हुआ है. बीते चौबीस घंटे में तेज़ हवाओं के संग बारिश के कारण फसलों को नुकसान हुआ है. वही आज सुबह बारिश के दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आकर तीन लोग झुलस गए हैं जिन्हें उपचार के लिए भर्ती कराया गया है.
अकोला जिले में भारी बारिश हुई है. यहां के कोठारी गांव के किसान हिम्मतराव टप्पे ने अपने 15 एकड़ खेत में संतरे, मौसंबी, आम और सब्जियों की फसल लगाई थी. चार से आठ दिन में उसे तोड़कर मार्केट ले जाना था. लेकिन शुक्रवार को हुई तूफानी बारिश के बाद बेदर नुकसान हुआ है. ओलावृष्टि से अधिकतर संतरे पेड़ से नीचे गिर गए तो बचे संतरे पर ओलों ने मानो हमला बोल दिया और उन्हें दागी बना दिया. अपनी लहलहाती फसल को अपनी आंखों के सामने माटी मोल होते देख किसान के आंखों से आंसू छलक गए. इस ओलावृष्टि से किसान का लाखों का नुकसान हुआ है. ऐसे कई किसान हैं जो बर्बादी झेल रहे हैं.
अरावली जिले में शुक्रवार दोपहर बाद बदलाव आया, जिसके बाद दधलिया, उमेदपुर, मोडासा के ग्रामीण क्षेत्रों में ओलावृष्टि के साथ तेज बारिश हुई. इससे मौसम सर्द हो गया, वहीं दूसरी ओर किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा. जिले में किसानों के रबी सीजन में उगाई जाने वाली फसल गेहूं, चना और मूंग पक कर तैयार हो चुकी है, लेकिन बारिश ने बहुत नुकसान पहुंचाया है. उमैदपुर, दधलिया क्षेत्र में झमाझम बारिश हुई, जहां बारिश से गेहूं, मूंग सहित फसलें जलमग्न हो गईं. क्षेत्र की 1500 हेक्टेयर से अधिक जमीन भीग गई जिससे किसानों की फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है.
झालावाड़ जिले में इन दिनों काला सोना यानी अफीम की फसल खेतों में लहरा रही है. लेकिन अफीम किसानों का मजा बेमौसम बरसात औक ओलावृष्टि ने बिगाड़ दिया है. बेमौसम बरसात से अफीम की मात्रा तो प्रभावित हुई है, साथ ही अफीम की क्वालिटी भी कम हुई है. अफीम की कम मात्रा और क्वालिटी में कमी से अब किसानों को अफीम डिपार्टमेंट द्वारा दिया गया सरकारी पट्टा कटने का डर सता रहा है. इसके साथ ही किसानों को अफीम की चोरी करने वालों, नील गाय और तोतों से नुकसान का डर सता रहा है. पाली जिले में भी बारिश और ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है. और भी कई जिले बेमौसम बारिश के प्रभाव में आए हैं.
जिला रायसेन सहित मंडीदीप, ओबेदुल्लागंज में भारी वारिश के साथ ओलावृष्टि हुई. वही आंधी तूफान और ओलावृष्टि से बेगमगंज में हजारों एकड़ की फसल चौपट हो गई है. आकाशीय बिजली की चपेट में आने एक व्यक्ति की मौत हो गई. एक और व्यक्ति की मौत हुई है जिससे दो किसानों की मौत बताई जा रही है. बेगमगंज सहित ग्रामीण अंचल में आंधी के साथ हुई बेर के आकार की ओलावृष्टि ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. बारिश और ओलावृष्टि के चलते किसानों की सैकड़ों एकड़ गेहूं, चना और सरसों की फसलों को नुकसान होने का अनुमान है. रायसेन में हजारों एकड़ में फसल बर्बादी का अनुमान लगाया जा रहा है.
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प्रदेश के खरगौन में दो घंटे झमाझम बारिश हुई और ओले गिरे. मकानों की छत और जमीन पर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई. सुकड़ी और कनाड नदी में बाढ़ जैसे हाला हो गए. फसलें बर्बाद होने से किसानों में भारी चिंता है.
मुजफ्फरपुर में तेज आंधी के साथ हुई ओलावृष्टि से सैकड़ों एकड़ की फसल बर्बाद हो गई. शुक्रवार के दिन अहले सुबह तेज आंधी के साथ हुई ओलावृष्टि ने किसानों की मुश्किल बढ़ा दी है. इसमें सबसे अधिक मक्के और गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है. तेज आंधी और ओलावृष्टि से हजारों एकड़ में मक्के, गेहूं, पपीता और दलहन की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई. यही हाल मोतिहारी और शिवहर में भी देखा गया है. यहां भी किसानों की फसलें बड़े स्तर पर बर्बाद हुई हैं. मुख्यमंत्री ने फसली नुकसान के सर्वे का निर्देश दिया.