देश में पूरे दो महीने तक अंडे की बिक्री कम हो गई है. 55 से 60 फीसद तक अंडे की बिक्री घट गई है. आस्था का महीना सावन के चलते अंडों की बिक्री में कमी आ जाती है. खासतौर पर उत्तमर भारत के राज्यों में बड़े पैमाने पर अंडे की बिक्री पर असर पड़ेगा. खास बात ये है कि सावन दो महीने तक रहेगा. इसका सबसे ज्यादा असर छोटे पोल्ट्री फार्मर पर पड़ेगा. पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो ये वो हालात हैं जिसके चलते दर्जनों छोटे पोल्ट्री फार्म पर ताला लग सकता है.
क्योंकि दो महीने की मंदी के चलते अंडे के रेट उस लेवल पर आ जाएंगे जहां अंडे की लागत निकालना भी मुश्किल हो जाएगा. हर साल सावन के महीने में ऐसा ही होता है. जबकि इस बार तो दो महीने तक सावन रहेगा.
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पोल्ट्री एक्सपर्ट मनीष शर्मा ने किसान तक को बताया कि सवान की दस्त-क के साथ ही अंडे के रेट गिरना शुरू हो गए हैं. अगर देश की बड़ी मंडियों में शामिल बरवाला, हरियाणा की बात करें तो दो जुलाई को 100 अंडों का रेट 472 रुपये था. लेकिन अगले ही दिन सावन के पहले सोमवार को अंडों के रेट 27 रुपये घट गए. बावजूद इसके बाजार में अंडा 430 रुपये के हिसाब से ही बिका. जब शुरुआत में अंडा बाजार का ये हाल है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि 60 दिन में अंडा बाजार कहां जाकर रुकेगा.
अगर बीते कुछ साल पर जाएं तो अंडे के रेट 360 तक आने की आशंका है. जबकि जिनके फार्म में 10 हजार तक मुर्गियां हैं वहां एक अंडे की लागत चार रुपये से लेकर 4.10 रुपये तक आती है. ऐसे में छोटे फार्मर का क्या होगा इसकी कल्पना से ही डर लगने लगता है. वहीं जो बड़े फार्म हैं वहां अंडे की लागत 3.50 रुपये तक आती है. मुर्गियों का फीड जितना ज्यादा खरीदा जाएगा उतना ही सस्ता मिलेगा.
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पोल्ट्री एक्सपर्ट अनिल शाक्या ने बताया कि अंडा देने वाली मुर्गी को कम से कम 100 ग्राम दाना चाहिए होता है. दिनभर में ये दाना तीन से चार बार में खिलाया जाता है. इतना दाना खाने के बाद ही मुर्गी सुबह एक अंडा देती है. अगर दाने में थोड़ी सी भी कमी कर दी या लेट दिया तो मुर्गी अंडा नहीं देगी और आपका उस दिन दिया गया दाना बेकार चला जाएगा.