मेवा के जानकारों की मानें तो आज कैलिफोर्निया, अमेरिका के बादाम की बाजारों में बहुत डिमांड है. इसकी एक बड़ी वजह है उसके रेट. रेट के चलते ही बादाम की खरीद-फरोख्त भी बढ़ गई है. लेकिन जो बादाम के थोड़े से भी जानकार हैं और बादाम खरीदते वक्त दो-तीन सौ रुपये ज्यादा खर्च कर लेते हैं तो वो मामरा बादाम खरीदना पसंद करते हैं. यही वजह है कि दिल्ली की खारी बावली में कश्मीरी मामरा बादाम की खूब डिमांड रहती है. लेकिन बीते कुछ वक्त से ईरानी और अफगानी मामरा बादाम ने बाजार में टक्कर देनी शुरू कर दी है.
हालांकि कश्मीरी मामरा के मुकाबले ईरानी और अफगानी मामरा बादाम खासा महंगा है. बावजूद इसके बिक्री में कोई कमी नहीं है. लेकिन दूसरी ओर कश्मीर के मेवा कारोबारी इसे रेट का शोशा बताते हैं. उनका कहना है तमाम तरह के टैक्सू लगने के बाद ईरानी और अफगानी बादाम महंगा हो जाता है. महंगे के चलते ही ग्राहकों को लगता है कि ये अच्छा होगा.
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कश्मी र के मेवा कारोबारी और अम्मीज़ इंटरनेशनल फर्म के मालिक नौमान बिन साबित ने किसान तक को बताया कि आज की तारीख में बाजार में मामरा बादाम की अच्छी डिमांड है. गुरबंदी बादाम भी खूब बिक रहा है. गौरतलब रहे कि जिम जाने वाले युवाओं और पहलवानी करने वाले युवा गुरबंदी बादाम को ही पसंद करते हैं.
नौमान ने बताया कि मामरा बादाम के मामले में ईरानी और अफगानी मामरा बादाम ने बाजार को थोड़ा खराब किया है. आज बाजार में ईरानी मामरा बादाम 18 सौ रुपये से तीन हजार रुपये किलो तक बिक रहा है. वहीं अफगानी मामरा बादाम 18 सौ रुपये से 24 सौ रुपये किलो तक बिक रहा है.
जबकि कश्मीरी मामरा बादाम की कीमत सिर्फ 12 सौ रुपये किलो है. रेट के मामले में कश्मीरी मामरा बादाम ईरान और अफगानिस्तान के मामरा बादाम के मुकाबले बहुत सस्ता है. फिर भी ग्राहक ईरानी और अफगानी मामरा बादाम खरीद रहे हैं. ग्राहकों को लगता है कि महंगा है तो ईरानी और अफगानी मामरा बादाम ही ज्यादा अच्छा होगा.
जबकि ऐसा कतई नहीं है. गुणों के मामले में कश्मीरी मामरा के सामने ईरानी और अफगानी मामरा बादाम का कोई मुकाबला नहीं है. अगर पहलवानों और जिम जाने वाले युवाओं की पसंद की बात करें तो गुरबंदी बादाम पहली पसंद है. बाजार में गुरबंदी बादाम 500 से 600 रुपये किलो तक बिक रहे हैं.