तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा है कि तेलंगाना एक ऐसे राज्य के रूप में देश के लिए उदाहरण बन गया है जहां किसान कल्याण सबसे प्रमुख है. साढ़े नौ साल के दौरान दो चरणों में राज्य में किसानों का कुल 37,000 करोड़ रुपये का फसल ऋण माफ किया गया है. मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि पूरे देश में ऐसी कोई सरकार नहीं है जिसने किसानों को इस तरह से कर्ज मुक्त किया हो. देश में ऐसा कोई राज्य नहीं है जो किसान कल्याण के मामले में तेलंगाना की बराबरी कर सके. यहां किसानों को 24 घंटे मुफ्त बिजली मिल रही है. खाद और बीज की समय पर आपूर्ति हो रही है. किसान बीमा, फसल ऋण माफी आदि जैसे कल्याणकारी उपायों ने कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाया है.
आज कालेश्वर की धाराएं तेलंगाना की भूमि को सिंचित करती हैं. तेलंगाना कभी पानी के लिए तरसता था, आज यहां 20 से अधिक जलाशय पानी से लबालब हैं. तीन करोड़ टन धान की पैदावार के साथ तेलंगाना आज देश के लिए चावल के बड़े स्रोत के रूप में फल-फूल रहा है. यह कल्याण और विकास का स्वर्णिम समय है. पिछले एक दशक में तेलंगाना की अभूतपूर्व प्रगति से हर कोई आश्चर्यचकित है. मैं तेलंगाना की जनता से अनुरोध करता हूं कि वे अपना आशीर्वाद पूरी ताकत से दें ताकि ये अद्भुत प्रगति इसी तरह जारी रहे.
हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में केसीआर ने कहा कि दुनिया में कहीं भी किसी देश या राज्य की प्रगति को मापने के लिए दो प्रमुख संकेतों का उपयोग किया जाता है. पहला, प्रति व्यक्ति आय और दूसरा, प्रति व्यक्ति बिजली की खपत. इन दोनों में तेलंगाना देश में नंबर एक स्थान पर है. दस साल पहले वाला तेलंगाना अब विकास की वजह से काफी बदल चुका है. थोड़े ही समय में तेलंगाना सरकार ने कई बड़े काम करके कई क्षेत्रों में राज्य को देश में शीर्ष स्थान पर पहुंचाया है.
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अनाज की पैदावार यहां तीन करोड़ टन तक पहुंच गई है. इस बार धान की खेती रिकॉर्ड 64 लाख 54 हजार एकड़ तक पहुंच गई है. हम बीज और खाद उपलब्ध करा रहे हैं ताकि जिन किसानों की फसल बर्बाद हो गई है वे दोबारा बीज लगा सकें. तेलंगाना अब धान के मामले में शीर्ष स्थान के लिए पंजाब के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है. यदि तेलंगाना राज्य विकास में इतना ऊंचा मुकाम हासिल कर रहा है, तो कुछ लोग कम बुद्धि का परिचय दे रहे हैं और किसान कल्याण उपायों के बारे में गलत बोल रहे हैं.
केसीआर ने कहा कि तेलंगाना के गठन के बाद सरकार ने सख्त अनुशासन के साथ राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत किया. नया राज्य तेलंगाना 3 लाख 12 हजार 398 रुपये प्रति व्यक्ति आय के साथ देश के स्थापित बड़े राज्यों में शीर्ष पर है. इसी प्रकारप्रति व्यक्ति बिजली की खपत राष्ट्रीय औसत 1,255 यूनिट से अधिक हो गई. यहां प्रति व्यक्ति 2,126 यूनिट की औसत बिजली खपत है जो राष्ट्रीय औसत से 70 प्रतिशत अधिक है.
तेलंगाना सरकार ने आदिवासियों और जनजातियों की लंबे समय से चली आ रही इच्छा पूरी की. राज्य के 1 लाख 50 हजार आदिवासियों-जनजातियों को 4 लाख एकड़ से अधिक भूमि पर मालिकाना हक दिया गया है. इन सभी को रायथु बंधु योजना लागू करके फसल निवेश सहायता भी प्रदान की गई.
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