मॉनसून जल्‍दी आने से बढ़ी FACT की खाद बिक्री, आगे कैेसी रहेगी मांग? जानिए क्‍या बोले एक्‍सपर्ट

मॉनसून जल्‍दी आने से बढ़ी FACT की खाद बिक्री, आगे कैेसी रहेगी मांग? जानिए क्‍या बोले एक्‍सपर्ट

मॉनसून के जल्दी आगमन से FACT की खाद बिक्री में बढ़त दर्ज हुई है. अप्रैल-जून 2025 में NPK और अमोनियम सल्फेट की डिमांड बढ़ी है. खरीफ सीजन में भी मांग बनी रहने की उम्मीद है, हालांकि कच्चे माल की कीमतें चिंता का कारण हैं.

FACT fertilizers Sale Increased in FY26 Q1FACT fertilizers Sale Increased in FY26 Q1
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 17, 2025,
  • Updated Jul 17, 2025, 2:32 PM IST

देश में इस साल मॉनसून का जल्‍दी आगमन हुआ है, जिससे एक ओर किसान खुश हैं तो वहीं, पब्लिक सेक्‍टर कंपनी FACT (फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर लिमिटेड) के उर्वरक कारोबार को भी रफ्तार मिली है. कंपनी की चालू वित्‍त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में बिक्री में अच्‍छी बढ़त देखने को मिली है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही में FACT ने 1.79 लाख टन NPK खाद सप्‍लाई की, जबकि‍ कंपनी ने पिछले साल पहली तिमाही में 1.41 लाख टन एनपीके की सप्‍लाई की थी.

खरीफ सीजन में मांग ऐसी ही बने रहने की उम्‍मीद

‘बिजनेसलाइन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, FACT की अमोनियम सल्फेट की बिक्री 40,027 टन से बढ़कर 45,320 टन हो गई. वहीं, सूत्रों का कहना है कि चालू खरीफ सीजन में मांग ऐसे ही बनी रहने की उम्मीद है, जिससे बिक्री में बढ़ोतरी बनी रहने की संभावना है. हालांकि, खाद बनाने के लिए जरूरी कच्चे माल जैसे LNG (फीडस्टॉक), रॉक फॉस्फेट, फॉस्फोरिक एसिड, सल्फ्यूरिक एसिड और सल्फर की कीमतों में तेज बढ़ोतरी से कंपनी की लागत पर असर को मिल रहा है. वहीं, वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों के चलते कच्चे माल और ढुलाई की लागत में भी उछाल देखा गया है.

चीन से खाद का आयात घटा

खासकर, फॉस्फोरिक एसिड की कीमत में 100 डॉलर से ज्यादा का इजाफा हुआ है. सल्फर और सल्फ्यूरिक एसिड की दरें भी ऊंची बनी हुई हैं. फर्टिलाइजर इंडस्ट्री के जानकार एम.पी. सुकुमारन नायर ने बताया कि चीन से यूरिया, DAP और विशेष उर्वरकों की सप्‍लाई में बीते 4-5 सालों में कमी देखने को मिली है. यह गिरावट सप्‍लाई प्रतिबंधों के कारण देखने को मिली है.

देश में 2-3 लाख टन विशेष उर्वरक की खपत

भारत में हर साल करीब 2-3 लाख टन विशेष उर्वरक की खपत होती है, लेकिन ये नॉन-सब्सिडाइज्ड होते हैं और इनका घरेलू उत्पादन सीमित है. विशेष उर्वरकों में वॉटर सॉल्युबल फर्टिलाइजर, स्लो और कंट्रोल्ड रिलीज वर्जन, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, लिक्विड फर्टिलाइजर और फर्टिगेशन एप्लिकेशन शामिल हैं.

सुकुमारन नायर के अनुसार, भारत को घरेलू उत्पादन को बढ़ावा, आयात स्रोतों में विविधता और वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग के जरिये आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना चाहिए. राजस्थान में मौजूद लो-ग्रेड रॉक फॉस्फेट को उन्नत तकनीक से इस्‍तेमाल में लाया जा सकता है. साथ ही, नए प्‍लांट्स को जल्द शुरू करने और पुराने प्‍लांट्स को डिजिटल तकनीक से अपग्रेड करने की जरूरत है.

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