Stray Animal: इस फूल-घास की खुशबू से खेत में नहीं आते हैं जानवर, जानें डिटेल

Stray Animal: इस फूल-घास की खुशबू से खेत में नहीं आते हैं जानवर, जानें डिटेल

व्हाइट मैरी गोल्ड फूल, लेमन ग्रास और सिट्रोनेला ग्रास की खेती पहाड़ी और मैदानी दोनों ही तरह के इलाकों में की जा सकती है. एक अंतर बस ये आ जाता है कि पहाड़ी इलाके में उगे फूल या घास थोड़े महंगे बिकते हैं, जबकि मैदानी इलाके में उगे फूल-घास सस्ते बिकते हैं.

व्हाइट मैरी गोल्ड का पौधा. फोटो क्रेडिट-आईएचबीटीव्हाइट मैरी गोल्ड का पौधा. फोटो क्रेडिट-आईएचबीटी
नासि‍र हुसैन
  • नई दिल्ली,
  • Jul 05, 2023,
  • Updated Jul 05, 2023, 3:47 PM IST

‘खेती कर लेंगे बुलंद, आवारा पशु करो बंद’ ये कहना है यूपी के किसानों का. किसान तक से बातचीत में उन्होंने छुट्टा पशुओं से खेतों को हो रहे नुकसान पर अपना दर्द बयां किया. लेकिन ये दर्द किसी एक शहर या किसी एक किसान का नहीं है. ज्यादातर राज्यों में कमोबेश यही हालात हैं. हिमाचल प्रदेश के किसान तो बंदरों से बहुत परेशान रहते हैं. हरियाणा और पश्चिेमी यूपी के किसान जंगली सूअर से परेशान हैं. लेकिन इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी (आईएचबीटी), पालमपुर, हिमाचल प्रदेश के साइंटिस्ट  की मानें तो कुछ फूल और घास ऐसे हैं जिसकी खुशबू से फसलों को बर्बाद करने वाले जानवर पास नहीं आते हैं. 

खेतों के किनारे ऐसे पौधों और घास को लगाकर फसलों को जानवरों से बचाया जा सकता है. इतना ही नहीं उस फूल और घास को बेचकर एक्सट्रा इनकम भी की जा सकती है. साथ ही जहां जानवरों का असर ज्यादा है वहां सिर्फ ऐसे ही फूल और घास की खेती कर नुकसान के जोखिम को खत्म किया जा सकता है.  

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व्हाइट मैरी गोल्ड और लेमन ग्रास की करें खेती

आईएचबीटी के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. राकेश कुमार ने किसान तक को बताया कि आजकल ये परेशानी बहुत देखने और सुनने में आ रही है कि जंगली और छुट्टा जानवर किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं. कई दफा तो खेत में लगी पूरी फसल को ही बर्बाद कर देते हैं. कुछ मामलों में तो ऐसा भी हुआ है कि किसानों ने खेत के चारों और तारों की बाड़ लगाई हुई है, बावजूद इसके जानवर खेत में घुसकर फसल को चट कर जाते हैं. 

अगर आपके खेतों में और आसपास जानवरों का प्रकोप कम है तो खासतौर पर व्हाइट मैरी गोल्ड फूल के पौधे अपने खेतों के चारों ओर हैज के रूप में लगा सकते हैं. इसके अलावा सिट्रोनेला और लेमन ग्रास भी किनारे-किनारे हैज की तरह से लगा सकते हैं. होता ये है कि इनमें मौजूद तेल में एक खास तरह की सुगंध होती है. इसी सुगंध के चलते कोई भी जानवर खेत के पास तक नहीं आता है. और किसी भी तरह का जानवर हो वो इन्हें खाता नहीं है.

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जानवर ज्यादा परेशान करें तो इसकी खेती भी कर सकते हैं 

डॉ. राकेश ने बताया कि अगर किसी इलाके में जानवर फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं, उन्हें रोकने का कोई भी तरीका काम नहीं कर रहा है तो ऐसे में आप व्हाइट मैरी गोल्ड फूल, लेमन ग्रास और सिट्रोनेला ग्रास की खेती भी कर सकते हैं. इसके अलावा और भी कुछ ऐसी सुगंधित फसलों की खेती है जो आप अपने इलाके में कर सकते हैं. 

इन्हें हैज के रूप में इस्तेमाल करने से मिट्टी का कटान भी रुकता है. अगर व्हाइट मैरी गोल्ड फूल की बात करें तो मैदानी इलाके में इसकी बिजाई रवी के सीजन में होती है. जबकि पहाड़ी इलाकों में इसकी बिजाई खरीफ यानि जून में होती है.
 

 

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