शिवराज बोले- UPA सरकार में फसल बीमा योजना से किसानों को नहीं बैंकों को होता था फायदा, हमने सुधार किए

शिवराज बोले- UPA सरकार में फसल बीमा योजना से किसानों को नहीं बैंकों को होता था फायदा, हमने सुधार किए

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कैबिनेट बैठक के फैसलों पर जानकारी देते हुए पूर्व की कांग्रेस के नेतृत्‍व वाली यूपीए सरकार के समय फसल बीमा योजना के नियमों की आलोचना की. इस दौरान उन्‍होंने बताया कि हमारी सरकार ने जरूरी बदलाव कर इसे किसान हितैषी बनाया.

केंद्रीय कृषि मंत्री शि‍वराज सिंह चौहान. (फाइल फोटो)केंद्रीय कृषि मंत्री शि‍वराज सिंह चौहान. (फाइल फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 01, 2025,
  • Updated Jan 01, 2025, 6:39 PM IST

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कैबिनेट बैठक के फैसलों पर व‍िस्‍‍तृत जानकारी दी. उन्‍होंने कहा कि किसानों से जुड़े तीन महत्‍वपूर्ण फैसले लिए गए. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम फसल बीमा योजना कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय भी होती थी, लेकिन यह योजना बैंकों के लिए गारंटी का काम करती थी और लोन लेने वाले किसानों के लिए अनिवार्य थी. वहीं, गैर ऋणी किसान इसके दायरे में आते ही नहीं थे. हमारी सरकार ने इसमें जरूरी सुधार किए हैं.

'अब आसान है मुआवजे का क्‍लेम'

पीएम फसल बीमा योजना में पहले ईकाई ब्‍लॉक या तहसील होती थी. इसका मतलब है कि अगर पूरे ब्‍लॉक में या तहसील में जब फसल खराब होती थी तभी मुआवजा दिया जाता था. ऐसे में कभी 5-10 गांवों में भी फसल बर्बाद होती थी तो किसानों को मुआवजा लेने के लिए प्रार्थना करनी पड़ती थी कि पूरी तहसील या ब्‍लॉक में फसल खराब हो जाए, ताकि वे मुआवजा क्‍लेम कर सकें. 

लेकिन, हमारी सरकार ने 2016 में इस नियम को बदल दिया और ईकाई को गांव और ग्राम पंचायत स्‍तर पर कर दिया. अब किसी एक गांव में भी फसल खराब होने पर किसानों को मुआवजा मिलता है. साथ ही स्‍थानीय आपदा को भी कवरेज में शामिल किया गया है. अब अगर एक किसान का भी नुकसान होता है तो बीमा कंपनी उसे मुआवजा देगी.

ये भी पढ़ें - UP: सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताई नए साल की प्लानिंग, किसानों को लेकर कही बड़ी बात

भुगतान में देरी पर बीमा कंपनी देगी ब्‍याज

वहीं कई अन्‍य बदलाव भी किए गए हैं. अगर बीमा कंपनी किसान को भुगतान देने में देरी करती है तो उस राशि पर 12 प्रतिशत की दर से ब्‍याज देना होगा. कैबिनेट ने आज पीएम फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना को वर्ष 2025-26 में भी जारी रखने की मंजूरी दी है, जिसमें कुल बजट 69,515.71 करोड़ रुपये होगा.

बुवाई से लेकर कटाई के बाद तक बीमा कवरेज

पीएम फसल बीमा याेजना के तहत किसानों को बुवाई से लेकर कटाई के बाद तक इस योजना का कवरेज मिलेगा. केंद्रीय मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि किसानों ने योजना की शुरुआत से अब तक लगभग 34 हजार करोड़ रुपये का प्रीम‍ियम जमा किया, जिसके बदले उन्‍हें लगभग एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये का क्‍लेम मिला. 

तकनीक से होगा नुकसान का आकलन

उन्‍होंने योजना से जुड़े एक और पहलू पर बात करते हुए कहा कि पहले फसल नुकसान का आकलन मैन्युअली यानी हाथों से किया जाता था, जिसमें अक्‍सर गड़बड़ी की श‍िकायतें आती थी, लेकिन अब इसमें तकनीक का इस्‍तेमाल किया जाएगा. रिमोट सेस‍िंग टेक्‍नोलॉजी के इस्‍तेमाल से अब ये परेशानी नहीं आएगी.

MORE NEWS

Read more!