उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नए साल के पहले दिन प्रदेश के नागरिकों को शुभकामना संदेश दिया है. सीएम योगी ने अपने संदेश के जरिए 2025 की प्लानिंग भी बता दी. उन्होंने किसानों, महिलाओं और युवाओं का जिक्र करते हुए बताया कि इस साल वह क्या-क्या काम करेंगे? उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, "राज्य में चलाए जा रहे विकास और जनकल्याणकारी योजनाओं के कारण राज्य के लोगों के जीवन स्तर में लगातार सुधार हो रहा है.
गरीब, किसान, युवा और महिलाओं सहित समाज का हर वर्ग डबल इंजन सरकार की योजनाओं से लाभान्वित हो रहा है."आदित्यनाथ ने कहा कि 'नए भारत का नया उत्तर प्रदेश' विरासत और विकास को आगे बढ़ाने में अपनी सार्थक भूमिका निभा रहा है. पूरा विश्वास है कि राज्य को समृद्धि और विकास के पथ पर ले जाने के लिए डबल इंजन सरकार के प्रयासों को वर्ष 2025 में और गति मिलेगी."
उत्तर प्रदेश तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है. खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने ऐसे ठोस कदम उठाए हैं, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं, उद्यमियों और युवाओं को आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रहे हैं.
डबल इंजन सरकार उत्तर प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 1, 2025
राज्य में संचालित विकास एवं जन-कल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश की जनता का जीवन स्तर निरंतर बेहतर हो रहा है।
डबल इंजन सरकार की योजनाओं का लाभ गरीब, किसान, नौजवान, महिला सहित समाज के हर वर्ग को प्राप्त हो…
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएम एफएमई) के अंतर्गत राज्य सरकार ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं.
भारत सरकार द्वारा निर्धारित 14 इन्क्यूबेशन सेंटर/कॉमन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना उत्तर प्रदेश में पूरी हो चुकी है. इनकी परियोजना लागत 47 करोड़ रुपये है, जिसके अंतर्गत अत्याधुनिक प्लांट और मशीनरी की आपूर्ति की जा रही है. इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. अनुमान है कि इन केंद्रों के माध्यम से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से लगभग 15,000 महिलाओं को लाभ मिलेगा.
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है. उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अनुसार, राज्य सरकार ने 10,000 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को कार्यशील पूंजी और छोटे औजारों की खरीद के लिए 30 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है. यह राशि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और राज्य शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से प्रदान की गई है. यह कदम न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहा है, बल्कि उनकी उद्यमशीलता को भी बढ़ावा दे रहा है.
पीएम एफएमई योजना के तहत एमआईएस वेब पोर्टल पर अब तक 46,897 उद्यमियों का पंजीकरण किया गया है. इनमें से 32,176 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से बैंक द्वारा 13,933 परियोजनाओं को ऋण स्वीकृत किया गया है। इन परियोजनाओं को 3 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की अनुदान राशि दी गई है. इस योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश में अब तक लगभग 1,500 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है. यह निवेश ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहा है. राज्य सरकार के प्रयासों से लगभग 1 लाख लोगों को रोजगार मिला है, जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बना रहा है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह सपना है कि उत्तर प्रदेश के स्थानीय उत्पादों को न केवल देश में, बल्कि वैश्विक स्तर पर पहचान मिले. खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में यह पहल इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इन्क्यूबेशन सेंटर और कॉमन फैसिलिटी सेंटर न केवल उत्पादन को बढ़ावा देंगे, बल्कि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार कर उन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाएंगे.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today