इस साल देश में कई राज्यों में जमकर बारिश हुई तो कुछ में थोड़ी कम हुई. इस बीच कई राज्यों में बाढ़ आई और कुछ अभी भी बाढ़ की स्थिति से जूझ रहे है. अब इसी क्रम में केंद्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित राज्यों गुजरात, मणिपुर और त्रिपुरा के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से 675 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जारी की है. 675 करोड़ रुपये के पैकेज में से गुजरात को 600 करोड़ रुपये, मणिपुर को 50 करोड़ रुपये और त्रिपुरा को 25 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इन राज्यों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान अत्यधिक भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाएं घटित हुईं.
केंद्र सरकार ने कहा है कि वह बाढ़ प्रभावित राज्यों को हर संभव मदद देने के प्रतिबद्ध है. गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इस साल असम, मिजोरम, केरल, त्रिपुरा, नागालैंड, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मणिपुर अत्यधिक भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से नुकसान पहुंचा है.
गृह मंत्रालय ने कहा है कि बचे हुए राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों से रिपोर्ट मिलने के बाद तय कर दी जाएगी. बाढ़ की चपेट में आए बिहार और पश्चिम बंगाल में नुकसान का आकलन करने के लिए जल्द आईएमसीटी टीमें भेजी जाएंगी. केंद्र सरकार इस साल एसडीआरएफ से 21 राज्यों को 9 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी कर चुकी है. वहीं, एनडीआरएफ से 15 राज्यों को 4 हजार 500 करोड़ रुपये से अधिक राशि जारी की जा चुकी है. राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि से भी 11 राज्यों को 1 हजार 385 करोड़ रुपये राहत पैकेज दिया गया है.
बता दें कि इसके पहले जुलाई में भी गुजरात के कई जिलों में किसानों की फसल तबाह हुई थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए 350 करोड़ का राहत पैकेज जारी किया था. जुलाई के तीसरे हफ्ते में राज्य के 9 जिलों- पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, जूनागढ़, राजकोट, भरूच, आणंद, नवसारी, सूरत और तापी में भारी बारिश के चलते फसलों को भयंकर नुकसान पहुंचा था. बाद में सरकार ने नुकसान के आकलन के लिए सर्वे कराया था. वहीं, कई अन्य राज्यों में लाखों हेक्टेयर क्षेत्र में फसल बर्बाद हुई है. महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों के तकरीबन सवा दो लाख हेक्टेयर फसल प्रभावित होने की सूचना है. बिहार और यूपी में भी नदियों के जलस्तर बढ़ने और बाढ़ के चलते फसलें तबाह हुई हैं.