इस साल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है. एक बार फिर किसानों को खराब मौसम के कारण आर्थिक संकट का बोझ उठाना पड़ रहा है. किसानों के इस जख्म पर मरहम लगाने के लिए कई सरकारों ने मुआवजा देने का एलान किया है. इस लिस्ट में हरियाणा और पंजाब भी हैं. इसी कड़ी में पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बुधवार को किसान नेताओं के एक समूह के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जो संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा भी हैं. धालीवाल ने कृषि विभाग के प्रमुख सचिव को आदेश दिया कि जिन किसानों को फसल क्षति का मुआवजा नहीं मिला है, उनका विवरण 15 मई तक उपायुक्तों से ले लें ताकि मुआवजा देने का काम जल्द से जल्द किया जा सके.
उन्होंने राज्य के राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को फसल क्षति का आकलन कर सर्वे रिपोर्ट देने का भी आदेश जारी किया है. मार्च के अंतिम सप्ताह और अप्रैल के पहले सप्ताह में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने पंजाब में बड़े पैमाने पर फसलों को तबाह किया है. खासतौर पर गेहूं की फसल को. ऐसे में किसानों को न सिर्फ मुआवजा देने का फैसला लिया गया है बल्कि उनकी खराब फसल भी एमएसपी पर खरीदने का निर्णय लिया गया है.
आपको बता दें बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से खराब हुई फसलों का मुआवजा न मिलने की वजह से किसानों के लिए काम कर रहे गुटों का एक समूह राज्य में ट्रेनों को रोक कर विरोध कर रहा है और पिछले सीजन के दौरान फसल के नुकसान के लंबित मुआवजे की मांग कर रहा है. अभी पिछले सीजन का भी मुआवजा नहीं मिला है, प्रदर्शनकारियों का ऐसा दावा है.
ये भी पढ़ें: सरकार ने लिया मक्का आयात करने का फैसला, MSP से नीचे लुढ़का भाव...किसानों को डबल नुकसान
ऐसे में हुई बैठक के दौरान पंजाब कृषि मंत्री ने किसान प्रतिनिधियों से कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास किसानों को हो रही दिक्कतों को लेकर वह पहले ही केंद्र को पत्र लिख चुके हैं. जवाब में किसानों के प्रतिनिधियों ने कहा कि बेहतर होगा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास या कहीं और जमीन बीएसएफ द्वारा अधिग्रहित भूमि के मालिकों को दे दी जाए.
मंत्री ने किसान प्रतिनिधियों को बताया कि राज्य सरकार ने उन किसानों को मुआवजा देने के लिए केंद्र को भी पत्र लिखा है जिनके मवेशी लंपी रोग के कारण मर गए हैं और आश्वासन दिया है कि भूमि बंधक बैंक द्वारा जारी वारंट पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. उन्होंने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि जमीन पर कब्जा कर चुके किसानों को मालिकाना हक देने के लिए नई नीति बनाई जा रही है. आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने के संबंध में धालीवाल ने कहा कि अभी तक कोई मामला बचा हुआ नहीं है और यदि कोई बचा हुए हो तो उसे तुरंत मुआवजा दिया जाएगा.