Poultry Feed: पोल्ट्री फीड के रेट में मक्का इंपोर्ट और ब्रोकन राइस से मिलेगी राहत- बहादुर अली

Poultry Feed: पोल्ट्री फीड के रेट में मक्का इंपोर्ट और ब्रोकन राइस से मिलेगी राहत- बहादुर अली

पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो अगर पोल्ट्री फीड की जरूरत को समझते हुए जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया गया तो पोल्ट्री सेक्टर के लिए हालात और खराब हो जाएंगे. इसलिए जरूरत है कि केन्द्र सरकार साल 2025 से पहले मक्का को लेकर कुछ जरूरी कदम उठाए.

नासि‍र हुसैन
  • नई दिल्ली,
  • Dec 15, 2023,
  • Updated Dec 15, 2023, 11:03 AM IST

'ये बात सही है कि मक्का का इस्तेमाल एथेनॉल में हो रहा है. लेकिन मुझे नहीं लगता कि एथेनॉल में मक्का जाने से उसका कोई बड़ा असर पोल्ट्री सेक्टर पर पड़ेगा. मुझे नहीं लगता कि मक्काल की कहीं कोई कमी देखने को मिलेगी. कमी की बात तो कुछ स्टाकिस्ट फैला रहे हैं. अगर मक्का के दाम ऊपर-नीचे होते हैं तो उसके लिए सरकार है. ऐसा होने पर हमेशा से सरकार ने मदद की है. मक्का की इंपोर्ट डयूटी हटाकर और जीएम मक्का को भारत में अनुमति देकर भी सरकार पोल्ट्री सेक्टर, किसान और स्टार्च इंडस्ट्री का भला कर सकती है.' ये कहना है ऑल इंडिया ब्रॉयलर ब्रीडर एसोसिएशन के चेयरमैन और आईबी ग्रुप के एमडी बहादुर अली का. 

साथ ही उन्होंने कहा कि बीते एक साल में मक्का महंगी तो हुई है. 20 हजार रुपये टन से आज मक्का का दाम 23 से 24 हजार रुपये प्रति टन पर आ गया है. लेकिन उम्मीद है कि ब्रोकन राइस मक्का की कमी की भरपाई कर देगा. गौरतलब रहे इससे पहले भी पोल्ट्री सेक्टर से जुड़े कई संगठन मक्का इंपोर्ट करने और जीएम मक्का की खेती की अनुमति देने की मांग कर चुके हैं. 

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35 लाख टन मक्का से मिलेगी पोल्ट्री को राहत 

बहादुर अली का कहना है कि भारत से 35 लाख टन मक्का एक्सपोर्ट होती थी. जिस पर सरकार ने रोक लगा दी है. अब बाहर जाने वाली यही मक्का पोल्ट्री और एथेनॉल में काम आएगी. इतना ही नहीं ऐसी चर्चा है कि इस बार धान का उत्पादन बढ़ा है, जिसके चलते पोल्ट्री के लिए ब्रोकन राइस ज्यादा मिलने की उम्मीद है. ऐसे में एथेनॉल के लिए जाने वाली मक्का ही भरपाई इस तरह से हो सकेगी. 

कुल उत्पादन का 60 फीसद मक्का चाहिए पोल्ट्री को

बहादुर अली ने बताया कि देश के कुल मक्का उत्पाादन का 60 फीसद हिस्सा पोल्ट्री सेक्टर को चाहिए होता है. हर साल पोल्ट्री सेक्टर आठ से 10 फीसद की दर से बढ़ रहा है. जबकि मक्का का उत्पादन चार से पांच फीसद ही बढ़ रहा है. ऐसे में स्टार्च इंडस्ट्री और एथेनॉल के लिए भी मक्का चाहिए होता है. इसलिए सरकार से मांग है कि वो इंपोर्ट डयूटी को खत्म कर इंपोर्ट की अनुमति दे. वहीं जीएम मक्का जिससे 32 से 40 फीसद तक मक्का उत्पादन बढ़ जाएगा की देश में खेती करने की अनुमति भी सरकार दे.

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दूसरे पोल्ट्री संगठन भी कर रहे ये मांग

पोल्ट्री एक्सपर्ट और फेडरेशन के कोषाध्यक्ष रिकी थापर के मुताबिक बीते कुछ साल में मक्का के दाम बहुत बढ़े हैं. पोल्ट्री फीड तैयार करने में मक्का का रोल बड़ा है. इसी को देखते हुए कंपाउंड लाइव स्टॉक फीड मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (CLFMA) और पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया (PFI) ने केन्द्र सरकार से देश में जीएम मक्का की खेती करने की अनुमति मांगी है. वहीं वेट्स इन पोल्ट्री (वीआईवी) संस्था ने भी केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री को पत्र लिखकर मक्का आयात पर लगने वाली डयूटी खत्म करने या फिर कम करके 15 फीसद करने की मांग की है. 

 

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