Climate Change: ‘कॉन्फ्रेंस टेबल नहीं, डिनर टेबल से निकलेगा जलवायु परिवर्तन का हल’: PM Modi

Climate Change: ‘कॉन्फ्रेंस टेबल नहीं, डिनर टेबल से निकलेगा जलवायु परिवर्तन का हल’: PM Modi

पीएम मोदी ने विश्व बैंक की ओर से 'मेकिंग इट पर्सनल: हाउ बिहेवियरल चेंज कैन टैकल क्लाइमेट चेंज' विषय पर आयोजित सम्मेलन में कहा, "जलवायु परिवर्तन का मुकाबला कॉन्फ्रेंस टेबल से नहीं किया जा सकता. इसे हर घर में खाने की टेबल से लड़ना होगा."

डिनर टेबल से निकलेगा जलवायु परिवर्तन का हल: पीएम मोदीडिनर टेबल से निकलेगा जलवायु परिवर्तन का हल: पीएम मोदी
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Apr 15, 2023,
  • Updated Apr 15, 2023, 3:02 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज) के खिलाफ लड़ाई में लोगों की भागीदारी के साथ-साथ सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि कोई विचार तब जन आंदोलन बन जाता है, जब वह 'चर्चा की मेज से रात्रि भोज की मेज' तक पहुंच जाता है. पीएम मोदी ने शुक्रवार को विश्व नेताओं से कहा कि जब लोग इस बात को लेकर सजग हो जाते हैं कि रोजाना के जीवन में की गई उनकी छोटी-छोटी कोशिशें भी बेहद कारगर साबित हो सकती हैं, तो पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. 

पीएम मोदी ने विश्व बैंक की ओर से 'मेकिंग इट पर्सनल: हाउ बिहेवियरल चेंज कैन टैकल क्लाइमेट चेंज' विषय पर आयोजित सम्मेलन में कहा, “दुनिया भर में लोग जलवायु परिवर्तन के बारे में बहुत कुछ सुनते हैं. उनमें से कई बहुत चिंता महसूस करते हैं, क्योंकि वे नहीं जानते कि वे इसके बारे में क्या कर सकते हैं. उन्हें लगातार यह महसूस कराया जाता है कि केवल सरकारों या वैश्विक संस्थाओं की ही भूमिका है. अगर उन्हें पता चलता है कि वे भी योगदान दे सकते हैं, तो उनकी चिंता कार्रवाई में बदल जाएगी.”

'डिनर टेबल से निकलेगा जलवायु परिवर्तन का हल'

पीएम मोदी ने कहा, “जलवायु परिवर्तन का मुकाबला सिर्फ कॉन्फ्रेंस टेबल से नहीं किया जा सकता. इसे हर घर में खाने की टेबल से लड़ना होगा. जब कोई विचार चर्चा टेबल से डिनर टेबल पर जाता है, तो यह एक जन आंदोलन बन जाता है. हर परिवार और हर व्यक्ति को इस बात से अवगत कराना कि उनकी पसंद से धरती को बेहतर बनाने और गति प्रदान करने में मदद मिल सकती है. ‘मिशन लाइफ’ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई का लोकतंत्रीकरण करने के बारे में है. जब लोग जागरूक हो जाते हैं कि उनके दैनिक जीवन में सरल कार्य शक्तिशाली होते हैं, तो पर्यावरण पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.”

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भारतवासियों के भागीदारी से बहुत कुछ बदलाव 

पीएम मोदी ने कहा, “जन आंदोलनों और व्यवहार परिवर्तन के मामले में भारत की जनता ने पिछले कुछ वर्षों में बहुत कुछ किया है. लोगों द्वारा किए गए प्रयासों ने भारत के कई हिस्सों में लिंगानुपात में सुधार किया. ये वे लोग थे जिन्होंने बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान का नेतृत्व किया था. चाहे नदियां हों, समुद्र तट हों या सड़कें, वे सुनिश्चित कर रहे हैं कि सार्वजनिक स्थान कूड़े से मुक्त हों. और, ये लोग ही थे जिन्होंने एलईडी बल्बों के प्रयोग को सफल बनाया. भारत में लगभग 370 मिलियन एलईडी बल्ब बेचे जा चुके हैं. यह हर साल लगभग 39 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन से बचने में मदद करता है. भारत के किसानों ने सूक्ष्म सिंचाई द्वारा लगभग सात लाख हेक्टेयर कृषि भूमि का कवरेज सुनिश्चित किया. ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ यानी ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ के मंत्र को साकार करते हुए इससे भारी मात्रा में पानी की बचत हुई है. ऐसे और भी कई उदाहरण हैं.”

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जलवायु परिवर्तन के लिए 'मिशन लाइफ'

पीएम मोदी ने आगे कहा, “मिशन लाइफ के तहत, हमारे प्रयास कई क्षेत्रों में फैले हुए हैं, जैसे: स्थानीय निकायों को पर्यावरण के अनुकूल बनाना, पानी की बचत करना, ऊर्जा की बचत करना, अपशिष्ट और ई-कचरे को कम करना, स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना, प्राकृतिक खेती को अपनाना और मिलेट्स को बढ़ावा देना.” प्रधानमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों से 22 अरब यूनिट बिजली की बचत होगी, नौ हजार अरब लीटर पानी बचेगा, 37.5 करोड़ टन कचरे में कमी आएगी और करीब लाख टन ई-कचरे का पुनर्चक्रण होगा. उन्होंने कहा, "ये प्रयास 15 अरब टन खाद्यान्न की बर्बादी रोकने में भी हमारी मदद करेंगे."

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वैश्विक संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भर के देशों को प्रोत्साहित करने में वैश्विक संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है. मुझे बताया गया है कि विश्व बैंक समूह कुल वित्तपोषण के हिस्से के रूप में जलवायु वित्त को 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करना चाहता है. आमतौर पर पारंपरिक पहलुओं पर इस जलवायु वित्त का फोकस होता है. व्यवहारिक पहलों के लिए भी पर्याप्त वित्तपोषण विधियों पर काम करने की आवश्यकता है. ‘मिशन लाइफ’ जैसे व्यवहारिक पहलों के प्रति विश्व बैंक द्वारा समर्थन से इस पर कई गुना अधिक प्रभाव होगा.

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