हर राज्य में अलग-अलग क्षेत्रों का आर्थिक सर्वेक्षण किया जाता है ताकि आने वाले साल के लिए पहले से आर्थिक अनुमान लगाया जा सके. इसी कड़ी में महाराष्ट्र आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में यह अनुमान लगाया है कि कृषि और संबद्ध क्षेत्र, जो राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है और 55 प्रतिशत आबादी को रोजगार देता है, वह निवर्तमान वित्तीय वर्ष में 10.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा. जिससे कृषि क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को अच्छा मुनाफा मिलेगा.
अनुमानित विकास का श्रेय अच्छे मानसून और पिछले तीन वर्षों में सूखे की अनुपस्थिति को दिया गया है. राज्य ने 2022 में 119.8 प्रतिशत मानसूनी बारिश दर्ज की है. कुल 355 तालुकों (मुंबई शहर और मुंबई उपनगरीय जिलों को छोड़कर) में से 204 में अधिक बारिश हुई है. वहीं 145 में सामान्य बारिश हुई और केवल छह में कम बारिश दर्ज की गयी है. जिस वजह से इस साल यह वृद्धि दर्ज की गई है.
खरीफ सीजन 2022-23 की बुवाई 157.97 लाख हेक्टेयर में पूरी हो गई थी, जो पिछले साल के 163.79 लाख हेक्टेयर से कम थी. अनाज, तिलहन, कपास और गन्ने के उत्पादन में क्रमशः 10 प्रतिशत, 19 प्रतिशत, पांच प्रतिशत और चार प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है. लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में दालों के कुल उत्पादन में 37 प्रतिशत की तेजी से कमी आने का अनुमान है.
इंडियन एक्सप्रेस से मिली जानकारी के मुताबिक 57.74 लाख हेक्टेयर में बोई गई रबी फसल 2022-23 के लिए अलग संभावनाओं को दिखाती है. हालांकि दालों के उत्पादन में 34 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, अनाज और तिलहन के उत्पादन में 13 प्रतिशत की कमी आने की संभावना है.
ये भी पढ़ें: सूखे के चलते कई राज्यों में गिरा चाय का उत्पादन, दाम स्थिर रहने का अनुमान
गन्ने की खेती की बात की जाए तो इसके तहत बढ़ा हुआ क्षेत्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है. गन्ने की खेती का औसत क्षेत्रफल जो 12.32 लाख हेक्टेयर था जो बढ़कर 14.88 लाख हेक्टेयर हो गया है. चार साल पहले तक राज्य में गन्ने की खेती का औसत रकबा 9.89 लाख हेक्टेयर था. चीनी की खेती और उत्पादन में वृद्धि के कारण सूखा प्रभावित मराठवाड़ा में बड़ी संख्या में किसानों ने नकदी फसलों की ओर रुख किया.
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, बागवानी फसलों का रकबा 2022-23 में 23.46 लाख हेक्टेयर था, जबकि 2021-22 में यह रकबा 23.92 लाख हेक्टेयर था. पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, 2022-23 में फलों की फसलों के तहत कुल क्षेत्रफल 8.32 लाख हेक्टेयर है, जिसमें आम की खेती का क्षेत्र सबसे अधिक (1.64 लाख हेक्टेयर) है, इसके बाद अनार (1.56 लाख हेक्टेयर), अंगूर (1.19 लाख हेक्टेयर) है. मैंडरिन ऑरेंज (1.20 लाख हेक्टेयर), केला (0.91 लाख हेक्टेयर) और मौसम्बी (0.65 लाख हेक्टेयर) है. पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, सब्जी की खेती के तहत कुल क्षेत्रफल 2022-23 11.62 लाख हेक्टेयर है, जिसमें प्याज सबसे अधिक (9.18 लाख हेक्टेयर), इसके बाद टमाटर (0.60 लाख हेक्टेयर) और हरी मिर्च (0.33 लाख हेक्टेयर) है.