दूध किसी भी परिवार और किचिन की रोजमर्रा की दिनचर्या का अहम हिस्सा है. अपवाद छोड़ दें तो दिन की शुरुआत दूध के बिना करने की सोचना मुश्किल होता है. धार्मिक क्रिया-कलाप में भी दूध का बड़ा ही महत्व है. लेकिन आजकल दूध के प्योर होने पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. दूध में अब सिर्फ पानी की ही मिलावट नहीं होती है, दूध ही सिंथेटिक तरीके से तैयार कर दिया जाता है. दूध तैयार करने में भी ऐसी-ऐसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है कि उनके नाम सुनकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी.
डॉक्टरों की कई रिपोर्ट इस बारे में चेतावनी दे चुकी हैं कि इस तरह के दूध सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक हैं. कई गंभीर बीमारियों के बारे में इसी तरह के दूध से जोड़कर बताया जाता है. कई बार तो खुद सरकारी जांच एजेंसियों की रिपोर्ट से दूध की मिलावट का गड़बड़झाला सामने आ चुका है. हाल ही में बर्गर के अंदर खराब गुणवत्ता का पनीर इस्तेमाल करने की घटना सामने आई थी.
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दूध की बूंद को चिकनी सतह पर गिराएं.
अगर बूंद धीरे बहे और सफेद निशान छोड़े तो शुद्ध दूध है.
मिलावटी दूध की बूंद बिना निशान छोड़े तेजी से बह जाएगी.
3 एमएल दूध में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की 10 बूंद मिलाएं.
एक चम्मच चीनी मिलाने के पांच मिनट बाद लाल रंग हो जाएगा.
आयोडीन की कुछ बूंदें दूध में मिलाएं.
मिलाने पर मिश्रण का रंग नीला हो जाएगा.
टेस्ट ट्यूब में थोड़ा दूध और सोयाबीन या अरहर पाउडर मिलाएं.
पांच मिनट बाद लाल लिटमस पेपर इसमें डुबोएं.
अगर पेपर का रंग नीला हो जाए तो यूरिया मिला है.
10 एमएल दूध में 5 एमएल सल्फ्यूरिक एसिड मिलाएं.
बैंगनी रंग की रिंग का बनना फॉर्मेलिन होने का संकेत.
दूध लंबे समय तक ठीक रखने के लिए फॉर्मेलिन मिलाते हैं.
सिंथेटिक दूध स्वाद में कड़वा लगता है.
उंगलियों के बीच रगड़ने पर साबुन जैसा चिकनापन लगता है.
गर्म करने पर पीला पड़ जाता है.
अत्याधुनिक उपकरणों का प्रयोग
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जानकारों की मानें तो मिलावट खोर सिंथेटिक दूध को तैयार करने में टाइटेनियम डाई ऑक्साइड, बी वैक्स (मधुमक्खी के छत्ते से निकलने वाला मोम) की मिलावट करते हैं. टाइटेनियम डाई ऑक्साइड ना खाने योग्यन सफेद रंग का पाउडर होता है. इसे पानी में मिलाने पर उसका रंग दूध जैसा दिखने लगता है. फिर दूध में मिठास लाने के लिए वी बैक्स मिलाया जाता है. दूध को तैयार करने के लिए मिलावटखोरों ने लैब भी बना ली हैं. केमिकल से तैयार दूध को इलेक्ट्रिक मथनी से फेटा जाता है, जिससे की सभी आइटम अच्छीै तरह से मिल जाएं.