राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (NBHM) पर एक प्रश्न के जवाब में, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि देश में शहद का उत्पादन 2020-21 में 1,25,000 टन से 6.56 प्रतिशत बढ़कर 2021-22 में 1,33,200 हो गया है. वही भारत का शहद निर्यात 2020-21 के 59,999 टन से बढ़कर 2021-22 में 74,413 टन हो गया है, जिसमें 24.02 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. कृषि मंत्री ने कहा कि उत्पादन में वृद्धि से सीधे तौर पर किसानों या मधुमक्खी पालकों की आय में वृद्धि हुई है.
यह कहते हुए कि 1,60,000 टन शहद उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रयास किए गए, उन्होंने कहा कि कुछ उपायों में जागरूकता कार्यक्रम, प्रशिक्षण, सेमिनार, न्यूक्लियस स्टॉक सेंटर का विकास, मधुमक्खी प्रजनकों का विकास, कस्टम हायरिंग सेंटर और मधुमक्खी के अनुकूल वनस्पतियों का रोपण आदि शामिल हैं.
आवंटित किए गए कुल 100 शहद एफपीओ (किसान उत्पादक संगठनों) में से, सरकार की '10,000 एफपीओ के गठन' योजना के तहत विभिन्न एजेंसियों द्वारा अब तक 80 शहद एफपीओ पंजीकृत किए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि इससे किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद मिलती है. उन्होंने बताया कि अब तक मधुमक्खी पालकों, सोसायटियों, फर्मों और कंपनियों आदि द्वारा 20.64 लाख मधुमक्खी कालोनियों को 'मधुक्रांति पोर्टल' पर पंजीकृत किया जा चुका है.
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शहद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एनबीएचएम के तहत चार क्षेत्रीय शहद परीक्षण प्रयोगशालाएं और 31 मिनी शहद परीक्षण प्रयोगशालाएं स्वीकृत की गई हैं.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के लाभार्थियों की अधिकतम संख्या वाले राज्यों को लेकर एक अलग प्रश्न के जवाब में, तोमर ने कहा कि 2021-22 के दौरान राजस्थान में 344.6 लाख किसान आवेदन किए थे. इसके बाद महाराष्ट्र में 99 लाख, मध्य प्रदेश में 92.7 लाख और ओडिशा में 81.6 लाख किसानों ने आवदेन किया था. जबकि 2021-22 के दौरान देशभर में नामांकित किसान आवेदनों की कुल संख्या 831.8 लाख थी.
एग्री स्टार्ट-अप्स पर एक अन्य प्रश्न के जवाब में, तोमर ने कहा कि कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में स्टार्ट-अप्स की संख्या 2022-23 में 7,000 से अधिक हो गई है, जो 2014-15 से पहले 50 से कम थी. उन्होंने इसके लिए सरकार द्वारा इस संबंध में दिए गए समर्थन को जिम्मेदार ठहराया.
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