क्लाइमेट चेंज: असमय बाढ़ से जूझते अमेरिकी शहर तेज़ी से बना रहे हैं बाढ़ से बचने की नई योजनाएं

क्लाइमेट चेंज: असमय बाढ़ से जूझते अमेरिकी शहर तेज़ी से बना रहे हैं बाढ़ से बचने की नई योजनाएं

मौसम के इस बदलाव से निपटने के लिए दुनिया भर में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती करने के प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन जान माल की हिफाज़त के लिए तात्कालिक कदम उठाने बहुत ज़रूरी हैं- ये समझ कर अमेरिका के कई राज्य शहरी व्यवस्था और डिज़ाइन में कुछ बुनियादी बदलाव ला रहे हैं.

क्लाइमेट चेंज की वजह से अमेरिका में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा हैक्लाइमेट चेंज की वजह से अमेरिका में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है
प्रगत‍ि सक्सेना
  • Noida,
  • Aug 19, 2023,
  • Updated Aug 19, 2023, 11:23 AM IST

इस साल जुलाई की शुरुआत में अमेरिका राज्य वमोंट का सामना अभूतपूर्व बाढ़ से हुआ. बहुत सी सड़कें, इमारतें और पुल बाढ़ के पानी में बह गए राज्य की बुनियादी व्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचा. हालात इतने खराब थे कि राष्ट्रपति बाइडेन को राज्य में आपातकाल की घोषणा करनी पड़ी. वहां दो महीने में जितनी बारिश होती है वह चंद ही दिनों में बरस गई. विनसूकी नदी अपने तटों को तोड़ कर उफनने लगी और राइट्सवील बांध में भी पानी बहुत ऊपर तक आ गया. अगर यह बांध बाढ़ के पानी को रोकने में असफल हो जाता तो वामोंट में भारी तबाही मच सकती थी.

इस तरह के तूफान और बाढ़ की घटनाएं बहुत कम – सदी में एकाध बार ही हुआ करती थीं. मगर ग्लोबल वार्मिंग से पर्यावरण और मौसम में खौफ़नाक बदलाव आए हैं. अमेरिका में सिर्फ वामोंट नहीं बल्कि शिकागो और टेक्सास को भी तेज़ और अप्रत्याशित बारिश का कहर झेलना पड़ा. हाल के ही एक अध्ययन के अनुसार इस सदी के अंत तक उत्तरपूर्व अमेरिका में तेज़ बारिश और फ्लैश फ़्लड में करीब 52% तक की बढ़ोतरी हो सकती है.

विलेन बनीं ग्रीनहाउस गैसें

मौसम के इस बदलाव से निपटने के लिए दुनिया भर में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती करने के प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन जान माल की हिफाज़त के लिए तात्कालिक कदम उठाने बहुत ज़रूरी हैं- ये समझ कर अमेरिका के कई राज्य शहरी व्यवस्था और डिज़ाइन में कुछ बुनियादी बदलाव ला रहे हैं.

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इसमें सबसे बड़ा कदम है, प्राकृतिक वास (natural habitat) को पुनर्स्थापित करना ताकि बाढ़ को झेलने लायक इनफ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया जा सके. मसलन, जिन तालाबों, पानी के छोटे स्रोतों को भर कर इमारतें बना दी गई थीं उन्हें उनके मूल रूप में फिर स्थापित करना. वामोंट विश्वविद्यालय के पर्यावरण इंस्टीट्यूट के निदेशक टेलर रिकेट्स का कहना है, “जैसे जैसे मौसम में बदलाव की घटनाएं बढेंगी, कछार क्षेत्र और वेटलैंड्स की महत्ता भी बढ़ती जाएगी क्योंकि ऐसे प्राकृतिक संरचनाएं ही बाढ़ से हमें बचाने में कारगर साबित होंगी.“

इसी विश्वविद्यालय में 2022 में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, अगर कुछ महत्वपूर्ण कछार क्षेत्रों को पुनर्स्थापित कर दिया जाए तो यह बाढ़ से होने वाली क्षति को 20% तक कम कर सकता है.

रिकेट्स का कहना है कि हमें कछार क्षेत्रों और नदी के तटों को हरित क्षेत्र के रूप में देखना होगा. वामोंट में ऐसे कछार क्षेत्रों को पहचान कर उनका विकास करने का काम शुरू हो चुका है. सरकार उन इलाकों को खरीद रही है जो बाढ़ से ज़्यादा प्रभावित होते हैं हालांकि इस प्रयास में लोगों की तरफ से मिश्रित प्रतिक्रियाएँ मिली हैं. लेकिन वामोंट सरकार पूरा प्रयास कर रही है कि लोगों के डर का निवारण किया जाये और उन्हें उनकी संपत्ति और मकानों का जायज़ मूल्य भी मिले.

बाढ़ से बचने के उपाय जरूरी

शहरी नियोजन में भी अमेरिका कुछ ऐसे कदम उठा रहा है जिनसे घरों और इमारतों को बाढ़ के प्रकोप से बचाया जा सके. टेक्सास तो हमेशा से चक्रवातों से जूझता रहा है और अब बाढ़ के प्रकोप को भी झेल रहा है. इसीलिए टेक्सास सरकार ने एक वृहद योजना बनाई है जिससे फ्लैश फ़्लड और बाढ़ के नुक़सानों से बचा जा सके. इस योजना को लागू करने में कम से कम 38 बिलियन डॉलर की लागत आएगी.

2022 में ही अमेरिकी संसद ने 31 बिलियन डॉलर के एक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है जिसमें समुद्र तटीय रोधिका खड़ा करने पर काम होगा. उम्मीद की जा रही है कि इससे टेक्सास के मीलों लंबे तटीय क्षेत्र को सुरक्षित किया जा सकेगा, हालांकि अभी इस प्रोजेक्ट की फंडिंग कैसे होगी, यह स्पष्ट नहीं है.

लेकिन ह्यूस्टन, टेक्सास में एक आवासीय प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है, जिसका नाम है ब्रिजलैंड. इसके तहत ऐसे मकान और हाउसिंग परिसर बनाए जा रहे हैं जो तूफान/बाढ़ से आने वाले पानी को संरक्षित करने के अनुकूल हैं. मकानों को झील के किनारे या खुली जगहों पर बनाया गया है जिनमें ऐसे चैनल्स बनाए गए हैं जो अतिरिक्त बारिश के पानी को बहा कर झील तक ले जाएं. फुटपाथ के नीचे तूफान से आने वाले पानी को बाहर निकालने के चैनल हैं जिनके जरिये बगैर भू क्षरण के अतिरिक्त पानी बह जाता है और बाढ़ जैसी स्थिति से बचा जा सकता है.

शिकागो में भी, जहां शोध के अनुसार 2099 तक बारिश में 20% तक की वृद्धि देखी जाएगी, स्टोर्म वॉटर मेनेजमेंट पर निवेश शुरू हो गया है. इसका अहम हिस्सा है, ऐसे फुटपाथ और गलियां बनाना जो पानी को सोख लें. अक्सर शहरों में बारिश का पानी इकट्ठा होने से बाढ़ की स्थिति इसलिए बनती है चूंकि इन फुटपाथों से पानी के निकलने का कोई जरिया नहीं होता. शिकागो की पानी सोख लेने वाली ये ‘ग्रीन एलीज़’ (गलियां) स्टोर्म वॉटर को सोख लेती हैं. अभी कुछ ही ऐसी गलियां बनी हैं लेकिन अनुमान है कि सारे शहर में इन गलियों के होने से 80% बारिश और तूफान से आने वाले पानी को वापिस ज़मीन के भीतर पहुंचाया जा सकता है. इससे यह शहर बाढ़ से पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगा.

एहतियात पर करोड़ों डॉलर खर्च

वर्षा उद्यान (रेन गार्डेन्स) और हरे बगीचों से भरी छतें भी एक जरिया है बाढ़ और फ्लैश फ़्लड्स से बचने का. ओरेगॉन, पोर्टलैंड में वर्षा उद्यानों ने पाइप रिपलेसमेंट में लगने वाले लाखों डॉलरों की बचत की, क्योंकि ये बगीचे करीब दस लाख गैलन पानी को सोख लेते हैं जो अन्यथा सीवर पाइप में जाकर उन्हें खराब कर देता था. नतीजतन ना सिर्फ पानी ओवरफ़्लो करता बल्कि पाइप भी खराब हो जाते और उनको बदलना पड़ता था. इन बगीचों को लगाने में शहर के निवासी और व्यापारियों ने सांझा प्रयास किया. अमरीकी समाज और राज्य सरकारों के इन प्रयासों से हम लोग भी प्रेरणा ले सकते हैं.

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दुनिया भर के अध्ययनों ने यह भी दिखाया है कि यदि शहरी आवसीय योजनाएं पर्यावरण अनुकूल हों तो वे समाज के कमजोर और वंचित वर्ग को भी प्रकृति के प्रकोप से बचा सकती हैं. अमेरिका के कुछ प्रयासों से यह साबित होता है. लेकिन इस तरह के प्रयासों में सबसे बड़ी दिक्कत आती है -वर्षों से एक ही तरह की जीवन शैली का पालन करते आ रहे लोगों में बदलाव के प्रति अनिच्छा.

बहरहाल, जिस तरह अब की बार ग्लोबल वार्मिंग और असमय अप्रत्याशित बारिश ने दुनिया भर को झकझोरा है, उससे यह तो स्पष्ट है कि अगर हमें सरवाइव करना है तो अब हमें अपने शहरों और गावों को एक बार फिर डिज़ाइन करना होगा, प्रकृति के मिजाज और बदलते मौसमों के अनुकूल ढालना होगा.(बी बी सी डॉट कॉम से साभार)

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