उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में एक पोल्ट्री फार्म की गंदगी की वजह से पैदा हुई मक्खियों की समस्या से लोग परेशान हैं. इस समस्या से परेशान कई ग्रामीण समस्या के निराकरण के लिए हाथों में ज्वलनशील पदार्थ लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए. ग्रामीणों के पानी की टंकी पर चढ़ने के बाद प्रशासन और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों को काफी देर तक समझाया-बुझाया. साथ ही मक्खियों की समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया. करीब 12 घंटे बाद ग्रामीणों को पानी की टंकी से नीचे उतारा जा सका.
मक्खियों की वजह से स्थानीय लोगों का खाना-पीना, नहाना-धोना और रिश्ते तक टूटने के भी मामले सामने आए हैं. जिसको लेकर यहां के ग्रामीण कई बार धरना और आंदोलन कर चुके हैं. मामला बेनीगंज कोतवाली इलाके में देवरिया गांव का है. दरअसल कुइया ग्राम सभा में वर्ष 2014 में भारत सरकार योजना के अंतर्गत पोल्ट्री फार्म की स्थापना हुई थी. जिसने 2017 में उत्पादन शुरू कर दिया. यहां पर प्रतिदिन डेढ़ लाख मुर्गी के अंडों का उत्पादन होता है. जैसे-जैसे पोल्ट्री फार्म की उत्पादन क्षमता बढ़ी. इलाके के ग्रामीणों की समस्याएं बढ़ती चली गईं. पोल्ट्री फार्म के आसपास रहने वाले ग्रामीण के मुताबिक यहां पर पोल्ट्री फार्म की गंदगी की वजह से मक्खियों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि लोग परेशान हो चुके हैं.
यहां पर लड़कों की शादी होना तक दुश्वार है. यही नहीं मक्खियों की समस्या को लेकर कुछ बहुएं भी अपना ससुराल छोड़ कर चली गईं. रिश्तेदारों ने आना बंद कर दिया. मक्खियों की इस समस्या को लेकर यहां के ग्रामीणों ने कई बार धरना-प्रदर्शन और आंदोलन किया. लेकिन उनकी समस्या का निराकरण नहीं हुआ. इसलिए सात ग्रामीण अपने हाथों में ज्वलनशील पदार्थ लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए. सुबह जब लोगों की नजर पोल्ट्री फार्म के विरुद्ध पानी की टंकी पर चढ़कर आंदोलन करने में जुटे ग्रामीणों पर पड़ी तो पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. हरदोई की अपर जिलाधिकारी प्रियंका सिंह ने ग्रामीणों की समस्या का निराकरण करने का भरोसा दिलाया.
ग्रामीण वीरू ने बताया कि गंदगी और मक्खियों की वजह से न रिश्तेदार आते हैं और न शादी हो रही है. शादी के लिए कोई रिश्ता ही नहीं आ रहा. लड़कियों की तो हो जाती है शादी. लड़कों की नहीं हो रही है. इतनी ज्यादा समस्या है कि रिश्तेदार पानी तक नहीं पीते हैं. मक्खियों की वजह से इतनी गंदगी है कि खाना बनाना और खाना मुश्किल हो गया है. रिश्तेदार नहीं आते और जो आते हैं वो बिना खाना खाए चले जाते हैं. इसलिए ग्रामीण टंकी पर चढ़ने को मजबूर हो गए. वरना कोई सुनने को राजी नहीं थे. (रिपोर्ट / प्रशांत पाठक)
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