अपने थोड़े से लालच के लिए एक किसान ने पूरे हनुमानगढ़ को खतरे में डाल दिया. जी हां, राजस्थान के हनुमानगढ़ टाउन के चक 11 एचएमएच में किसान महेंद्र सिंह ने छोटे से लालच के लिए सबके लिए मुसीबत खड़ी कर दी. मामला कुछ यूं है कि किसान महेंद्र सिंह घग्गर नदी के बांध को तोड़कर उससे पानी चोरी का प्रयास कर रहा था. इसकी सूचना जब नहरी अध्यक्ष असलम खान को और दूसरे किसानों को मिली तो वे मौके पर पहुंचे और इसकी शिकायत प्रशासन से की. प्रशासन हरकत में आया जिससे बहुत बड़ी घटना होने से बच गई, वरना पूरे इलाके में बाढ़ फैल जाती. भारी बारिश होने से नहर लबालब भरा हुआ है. उसमें किसी तरह की छेड़छाड़ होती तो बड़ा खतरा हो सकता था.
किसानों की शिकायत पर पटवारी सहित प्रशासन घटनास्थल पर पहुंचा और पानी चोरी के प्रयास को विफल किया. हनुमानगढ़ के नहरी अध्यक्ष असलम खान का कहना है कि किसान महेंद्र सिंह ने घग्घर नदी पर बने बांध को तीन फुट तक खोद दिया था. किसान पाइप डालने का प्रयास कर रहा था. लेकिन नहरी विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई और उसे रोक दिया गया. अगर किसान थोड़ा सा और खड्डा कर देता तो बाढ़ आ सकती थी.
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मौके पर पहुंची पटवारी ज्योति चौधरी का कहना है कि उन्हें किसानों से सूचना मिली थी कि घग्गर नदी पर बने बांध को तोड़कर पानी चोरी का प्रयास किया जा रहा है. इस शिकायत पर वे मौके पर पहुंचीं और पुलिस को बुलाया गया. इसी के साथ किसान महेंद्र सिंह को गिरफ्तार करवाया गया. साथ ही पानी चोरी के लिए जो पाइप और अन्य उपकरण इस्तेमाल किए जा रहे थे, उन्हें भी जब्त किया गया. पटवारी का कहना है कि महेंद्र सिंह ने अपने थोड़े से लालच में सभी को मुसीबत में डाल दिया था. इससे पूरे इलाके में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया था. उन्होंने दूसरे किसानों से अपील की है कि वे ऐसी हरकत न करें, वरना अंजाम बुरा होगा.
जानकारों की मानें तो अगर प्रशासन और नहरी अध्यक्ष मौके पर नहीं पहुंचते तो हनुमानगढ़ में बाढ़ आ सकती थी. हनुमानगढ़ में लगातार बाढ़ की आशंका बनी हुई है. नहर में पानी भरा हुआ है जो कभी भी ओवरफ्लो हो सकता है. ऐसे में अगर बांध को थोड़ा सा भी तोड़ा जाता है तो निश्चित तौर पर बाढ़ की स्थिति बन सकती है. आपको बता दें कि 1995 में भी बंधा टूटने के चलते हनुमानगढ़ डूब गया था. इस बार प्रशासन ने चौकसी दिखाई और बड़ी घटना होने से बच गई. किसान की गिरफ्तारी से पूरे इलाके को बड़ी घटना से बचा लिया गया है.
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अभी मॉनसून का सीजन है और बारिश से पानी का स्तर बढ़ा हुआ है. नदी, नाले, तालाब और यहां तक कि नहरें भी लबालब भरी हैं. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति नहर का बांध तोड़े और पानी के लिए पाइप लगाए तो उससे बड़ा खतरा पैदा हो सकता है. हनुमानगढ़ नहर के साथ यही शिकायत देखी गई. किसान ने सोचा कि बिना किसी को भनक लगे वह बांध तोड़कर पाइप लगा लेगा और उससे सिंचाई का पानी पा लेगा. ऐसा कदम खतरनाक है क्योंकि इससे बांध टूटने का खतरा रहता है. वह भी जब पूर्व में ऐसी घटना हो चुकी है और पूरा हनुमानगढ़ इसकी चपेट में आ चुका है.