जलवायु बदलावों के चलते धरती का तापमान बढ़ रहा है. 22 जुलाई 2024 को धरती ने सबसे गर्म दिन महसूस किया. तापमान 17.16 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. 23 जुलाई 2024 को भी पारा करीब उतना यानी 17.15 डिग्री सेल्सियस ही रहा. कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (C3S) ने पुष्टि की है, इससे पहले अब तक का सबसे गर्म दिन का रिकॉर्ड 6 जुलाई 2023 के नाम दर्ज था. तापमान बढ़ने से फसलों के उत्पादन पर बुरा असर देखने को मिला है. अनियमित मौसम के चलते कृषि क्षेत्र को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
इसके पहले 6 जुलाई 2023 को रिकॉर्ड तापमान 17.08 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो इस साल 21 जुलाई ही टूट गया था. बारिश के मौसम में भी तापमान और ऊपर तक जा सकता है. जुलाई के तापमान के लिहाज से जुलाई 2024 का माह क्लाइमेट हिस्ट्री का अब तक का दूसरा सबसे गर्म महीना रहा. जो इंडस्ट्रियल पीरियड से पहले (1850-1900) के कंपेरिजन में 1.48 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है.
जुलाई 2024 में सतह के पास हवा का एवरेज टेम्परेचर 16.91 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1991 से 2020 में जुलाई के एवरेज से 0.68 डिग्री सेल्सियस अधिक है. इसके पहले अब तक का सबसे गर्म जुलाई का माह साल 2023 में देखने को मिला. तब तापमान इंडस्ट्रियल पीरियड से पहले के कम्पेरिजन में 1.52 डिग्री ज्यादा था.
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जुलाई बीतने के बाद अब गर्म महीनों की निरंतरता खत्म हो चुकी है. जून 2023 से जून 2024 के मध्य पिछले 13 माह में कोई भी माह ऐसा नहीं बीता, जिसमें टेम्परेचर ने कोई न कोई रिकॉर्ड न बनाया हो. जुलाई 2024 अब तक का सबसे गर्म जुलाई बनते-बनते रह गया, जो अब तक की 10 सबसे गर्म जुलाई माह की लिस्ट में दूसरे नंबर पर है.
वहीं, अगस्त 2023 से जुलाई 2024 के मध्य बीते एक साल और सन् 1991 से 2020 के बीच का कंपेरिजन एवरेज टेम्परेचर से किया जाए तो यह 0.76 डिग्री सेल्सियस ज्यादा नजर आया. औद्योगिक काल से पूर्व की तुलना में पारा 1.64 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया. जिसका मतलब है कि ये वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में अधिक गर्म रहा.
यूरोप में जुलाई 2024 में तापमान 1991 से 2020 के एवरेज कंपेरिजन में 1.49 डिग्री सेल्सियस हाई था. इस दौरान साउथ और ईस्ट यूरोप अधिक गर्म रहे, जबकि नॉार्थ-वेस्ट यूरोप में टेम्परेचर औसत के नजदीक या उससे कम था. कनाडा, अमेरिका, अफ्रीका के ज्यादातर भागों, मिडिल ईस्ट, एशिया और ईस्ट अंटार्कटिका में टेम्परेचर औसत से अधकि था.
वहीं, समुद्र के तापमान में भी वृद्धि हो रही है. जुलाई 2024 में समुद्री सतह का टेम्परेचर भी 20.88 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो रिकॉर्ड के अनुसार, दूसरा सबसे अधिक दर्ज तापमान है. वहीं इस दौरान आर्कटिक में जमा बर्फ औसत से सात प्रतिशत कम रही। 2020 से बर्फ में आ रही यह कमी 14 प्रतिशत के रिकॉर्ड लेवल पर जा पहुंची थी.