Egg Export: भारत से हर रोज होने लगेगा 4 से 5 करोड़ अंडों का एक्सपोर्ट!- प्रेसिडेंट IEC

Egg Export: भारत से हर रोज होने लगेगा 4 से 5 करोड़ अंडों का एक्सपोर्ट!- प्रेसिडेंट IEC

एक आंकड़े के मुताबिक देश में हर रोज करीब 22 से 25 करोड़ अंडों का उत्पादन होता है. देश में भी अंडों की अच्छी खासी खपत हो जाती है. ऐग एक्सपोर्ट की भी बहुत संभावनाएं हैं. अभी हर रोज ना के बराबर ही ऐग एक्सपोर्ट हो रहा है. लेकिन केन्द्र सरकार की तरफ से कुछ काम हो जाएं तो ये बढ़ सकता है.  

नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Jul 15, 2024,
  • Updated Jul 15, 2024, 1:12 PM IST

अंडा एक्सपोर्ट की बात करें तो विश्व में भारत का तीसरा स्थान है. देश में हर साल करीब 14 हजार करोड़ अंडों का उत्पादन होता है. खास बात ये है कि सबसे सस्ता अंडा भी भारत में ही बिकता है. कई दूसरे देशों के मुकाबले भारत में अंडे का दाम बहुत कम है. ये वो एक बड़ी वजह है जिसके चलते भारत हर रोज करोड़ों की संख्या में अंडे एक्सपोर्ट कर सकता है. लेकिन कई ऐसी वजह हैं जिसके चलते भारत का अंडा एक्सपोर्ट नहीं हो पाता है. जिस संख्या में चंद देशों को एक्सपोर्ट हो रहा है वो बहुत ही कम है. 

जबकि भारतीय अंडे की डिमांड बहुत है. रूस-उक्रेन वॉर के बाद से ये डिमांड और बढ़ी है. देश का पोल्ट्री इंफ्रास्ट्रक्चर भी ऐसा है कि थोड़े से वक्त में ही डिमांड के मुताबिक अंडों का उत्पादन बढ़ा सकता है. इंटरनेशनल ऐग काउंसिल के प्रेसिडेंट और श्रीनिवासा हैचरी ग्रुप के एमडी सुरेश आर चित्तूरी का कहना है कि अगर केन्द्र सरकार की तरफ से सिर्फ दो काम हो जाएं तो देश से हर रोज चार से पांच करोड़ अंडों का एक्सपोर्ट हो सकता है. 

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जीएम मक्का इंपोर्ट की मिले अनुमति

प्रेसिडेंट सुरेश आर चित्तूरी ने किसान तक को बताया कि देश का पोल्ट्री सेक्टर नई ऊंचाईयों को छू सकता है. अंडे का प्रोडक्शन और बढ़ सकता है. अगर केन्द्र सरकार जीएम मक्का इंपोर्ट करने की अनुमति दे दे तो पोल्ट्री फीड और सस्ता हो जाएगा. अभी मक्का का रेट 22 रुपये किलो है तो इंपोर्ट होने वाली मक्का 19 रुपये किलो के भाव से पड़ेगी. तीन रुपये किलो का अंतर भी बहुत होता है. आज हमारे देश में मक्का की फीड, फूड और फ्यूल में डिमांड बहुत बढ़ गई है. इसके चलते लगातार मक्का महंगी हो रही है. इस मामले में हमने केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल से भी बात की है. उन्होंने हर संभव मदद का वायदा किया है. जल्द ही हम केन्द्र सरकार को इस मामले पर एक प्रस्ताव देंगे. 

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केन्द्र सरकार को यहां भी करनी होगी मदद 

प्रेसिडेंट सुरेश आर चित्तूरी का कहना है कि अगर अंडों का एक्सपोर्ट बढ़ाना है तो उसके लिए कुछ नियमों का भी पालन करना होगा. सबसे पहला तो ये कि एक्सपोर्ट के लिए एक जैसे साइज के अंडे चाहिए होते हैं. इसके लिए जरूरत होती है ऐग सार्टिंग मशीन की. हमारी मांग है कि सरकार इस तरह की मशीन के लिए पोल्ट्री फार्मर को मदद करे. वहीं हैल्थ की बात करें तो अंडों का बीमारी रहित उत्पादन करना होगा. पोल्ट्री फार्म में बायोसिक्योरिटी मैनेजमेंट करना होगा. अगर हम ये सब कर लेते हैं तो कुछ ही वक्त की तैयारी के बाद हम रोजाना के पांच लाख अंडा एक्सपोर्ट से पांच करोड़ पर आ सकते हैं. 
 

 

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