आज के मौसम का ताजा हाल (latest weather update), जानें देश में कैसा रहेगा ठंड, शीतलहर (cold wave) और कोहरे का हाल (dense fog), पीएम किसान सम्मान निधि (pm kisan) योजना में आज क्या है नई बात, कृषि (agriculture news) से जुड़ी खास खबरों के लिए पढ़ते रहें आज का हमारा लाइव अपडेट (Live Updates) –
गेहूं के दाम देश में रिकॉर्ड ऊंचाई पर चल रहे हैं. आलम ये है कि गेहूं के दाम MSP से 40 फीसदी अधिक दर्ज किए गए हैं. ऐसे में सरकार के लिए आगामी फसल चक्र में गेहूं की खरीद एक चुनौती बनी हुई है. आलम ये है कि गेहूं के रिकॉर्ड दामों के बीच खाद्य सुरक्षा और अनाज की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार को आगामी फसल वर्ष में कम से कम 16 मिलियन टन (एमटी) गेहूं की खरीद करने की जरूरत है. पिछले साल गेहूं की खरीद 15 साल के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद केंद्र ने कुछ राज्यों में रोटी की जगह चावल खाने को कहा गया था. इसे देखते हुए सरकार के पास यह सुनिश्चित करने के लिए इस साल सीमित विकल्प है कि इस बार खरीद में कोई कमी ना रखी जाए.
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रांची में गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक बार फिर मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए परेड में मोटे अनाजों की झांकी निकाली गई. केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगातार लोगों को मोटे अनाज और इसके अनेक लाभों के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है.
डैम के महत्व को देखते और समझते हुए सरकार और प्रशासन की ओर से लगातार इसे बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि खेती-बाड़ी और अन्य कामों में कोई परेशानी ना आ सके. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा सात निश्चय-2 के अंतर्गत कैमूर ज़िले में स्थित रामपुर प्रखंड के इब्राहिमपुर गांव में "पक्का चेक डैम" निर्माण किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं इसी कड़ी में PMKSY WDC 2.0 के अंतर्गत प्रवेश बिंदु कार्य के तहत जहानाबाद ज़िले में स्थित मोदनगंज प्रखंड के करहारा गांव में आहर जीर्णोद्धार कार्य किया गया.
सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है.वहीं भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक से ऐसे पौधा विकसित किया है, जिससे एक नहीं बल्कि 2 सब्जियां एक साथ पैदा होगी. मसलन, किसान एक ही पौधे से आलू और टमाटर की पैदावार ले सकेंगे. संस्थान के वैज्ञानिक डॉ अनंत बहादुर ने ग्राफ्टिंग विधि के जरिए एक ही पौधे पर दो तरह की फसल को उगा कर सफल प्रयोग किया है. इस तकनीक के माध्यम से उन्होंने पोमेटो और ब्रिमेटो का आविष्कार किया.
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राजस्थान में आयोजित कृषि महोत्सव में किसानों के लिए कई मुख्य चीजों का आयोजन किया गया था. जिसे देख किसानों के चेहरे पर खुशी की झलक देखी गई. आइए जानते हैं क्या कुछ हुआ खास.
हाल के दिनों में कपास के दाम (cotton price) गिरने से इसके निर्यात की मांग बढ़ी है. दाम में गिरावट आने से विदेशों में भारत के कपास की मांग तेज हुई है. इसे देखते हुए किसान मौजूदा स्थिति में कपास बेचकर अपनी पैदावार निकाल सकते हैं. वैसे किसान जो ज्यादा दाम पर अपनी पैदावार बेचना चाहते हैं, उन्हें अभी इंतजार करना होगा. ऐसे किसानों को अधिक मुनाफा तब मिलेगा जब बाजार में कपास के दाम बढ़ेंगे. हालांकि बहुत जल्दी इसमें सुधार होता नहीं दिखता क्योंकि चीन में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने वहां निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है. चीन को होने वाले निर्यात पर रोक की वजह से कपास के दाम में गिरावट देखी जा रही है.
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उत्तर प्रदेश के तमाम इलाकों में जमीन के नीचे का जलस्तर तेजी से गिरने पर लगातार चिंता जताई जा रही हैं. यूपी भूगर्भ जल प्रबंधन एवं नियामक प्राधिकरण ने प्रदेश के तराई एवं पश्चिमी जिलों का भूजल स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंचने की रिपोर्ट दी है. प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार रामपुर जिले का भूजल स्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया था. इस वजह से रामपुर को डार्क जोन में शामिल कर लिया गया था. लेकिन, कुछ कारगर उपाय करने के बाद रामपुर जिला डार्क जोन से तो बाहर आ गया. लेकिन, इस बीच पड़ोसी जिले पीलीभीत के डीएम की ताजा रिपोर्ट में पूरे इलाके के भूजल स्तर में गिरावट के लिए साठा धान को दोषी बताया गया. इस रिपोर्ट से सचेत हाेकर हाल ही में डार्क जोन से बाहर आए रामपुर जिला प्रशासन ने जिले को जल संकट से बचाने के लिए साठा धान को उपजाने पर पाबंदी लगा दी.
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मोटे अनाजों की लोकप्रियता दुनियाभर में होने लगी है. वहीं देश में भी मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ाने की तैयारियां तेज हो गई है. इसके लिए कई राज्य सरकारें किसानों को बढ़ावा दे रही है. हालांकि किसानों के सामने फसल चक्र में बदलाव करना अभी एक चुनौती की तरह है, लेकिन, सच ये है कि मोटे अनाज स्वास्थ्य के लिए जितने लाभदायक होते हैं, इनकी खेती उतनी ही सहज है. कुल मिलाकर मोटे अनाजों की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा है, जो कम पानी में अधिक उत्पादन देने में सक्षम है.
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भारत में आम के साथ-साथ लीची और केला और अमरूद की भी खेती की जाती है. ऐसे में भारत के इन 8 राज्यों में अमरूद का उत्पादन लगभग 75% तक का है. आइए जानते हैं कौन-कौन से राज्य हैं शामिल:
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसान ना सिर्फ एक बल्कि कई फसलों का बीमा करवा सकते हैं साथ ही सुनिश्चित वित्तीय सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं.
उत्तर प्रदेश में लोकसभा कोर कमेटी और विधानसभा कोर कमेटी के साथ हुई बैठक.
मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रचार कर रही है. जिसके परिणामस्वरूप इस वर्ष इंटरनेशनल इयर ऑफ मिलेट्स मनाया जा रहा है. भारत के अलावा उसे 72 देशों का समर्थन भी हासिल है. ऐसे में मोटे अनाज को लेकर बढ़त नजर आ रही है. जानकारी के मुताबिक आने वाले समय में मोटे अनाज की सरकारी खरीद 50 लाख टन तक बढ़ने की संभावना है. इसमें करीब 8 गुना की बढ़ोतरी होगी.
संयुक्त राष्ट्र के ड्रग कार्यालय ने गुरुवार को अपने दिए गए बयान में कहा कि 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद म्यांमार में अफीम का उत्पादन बढ़ गया है, क्योंकि राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल ने किसानों को अफीम फसल की खेती करने के लिए प्रेरित किया है.
पीएम किसान योजना को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार जल्द पीएम किसान कि 13वीं किस्त जारी कर सकती है. हालांकि इसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. हर चौथे महीने सरकार द्वारा यह रकम किसानों को दी जाती है. ऐसे में अब यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि जल्द सरकार किसानों को यह रकम देने वाली है.
अनार उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र देश का अव्वल राज्य है. यहां की जलवायु और मिट्टी अनार के उत्पादन के लिए अनुकूल है. इस वजह से सबसे अधिक अनार का उत्पादन महाराष्ट्र में होता है. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल उत्पादित होने वाले अनार में से महाराष्ट्र में अकेले 54.85 प्रतिशत अनार का उत्पादन किया जाता है.
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मोदी सरकार की सबसे बड़ी किसान योजना पीएम किसान स्कीम (PM-Kisan Scheme) के 50 महीने पूरे होने वाले हैं. किसानों की नजर में यह सबसे सफल योजना साबित हुई है. क्योंकि इसके तहत 2.25 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट उनके बैंक अकाउंट में आ चुके हैं. कोई नेता और अधिकारी इस रकम में से बंदरबांट नहीं कर पाया है. इसलिए इसकी रकम बढ़ाने की मांग हो रही है. अभी स्कीम के तहत तीन किस्तों में सालाना 6000 रुपये मिलते हैं, जबकि किसान संगठन और विशेषज्ञ इसे बढ़ाकर 8000 से 24000 रुपये तक करने की मांग कर रहे हैं. किसानों को उम्मीद है कि इस साल 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा और फिर 2024 के आम चुनाव को देखते हुए सरकार बजट में इसकी रकम बढ़ाने का एलान कर सकती है.
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मौसम विभाग ने यूपी में आज पूर्वी और पश्चिमी जोन में कुछ जिलों में कोहरा छाए रहने और कुछ जिलों में बादल रहने के बीच छिटपुट बूंदाबांदी होने की आशंका जताई है. प्रदेश की राजधानी लखनऊ और आसपास के इलाकों में सुबह हल्का कोहरा रहा, जिससे तापमान में मामूली गिरावट के कारण ठिठुरन भरी सर्दी रही. विभाग ने दिन में मौसम साफ रहने की संभावना जताई है. विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक हिमालय क्षेत्र में 28 जनवरी तक एक और पश्चिमी विक्षोभ का असर होने के कारण 29 और 30 जनवरी को प्रदेश के पश्चिमी जिलों में तेज हवायें चलने के साथ कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने की आशंका जताई है.
जहां एक ओर लोगों को बढ़ती ठंड से राहत मिलती नजर आ रही थी, वहीं एक बार फिर ठंड का कहर बढ़ता नजर आ रहा है. देश की राजधानी दिल्ली में आज बादल छाए रहने का अनुमान है. वहीं, लखनऊ में सुबह और शाम के वक्त कोहरा छाया रह सकता है. मौसम विभाग की मानें तो उत्तर पश्चिमी भारत में 28 जनवरी से बारिश हो सकती है.