
झारखंड में किसानों के लिए राहत भरी खबर है. राज्य सरकार ने धान खरीद की प्रक्रिया कल यानी 15 दिसंबर से शुरू करने का फैसला किया है. एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि झारखंड सरकार ने करीब 60 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य रखा है और यह प्रक्रिया 15 दिसंबर से शुरू होगी. उन्होंने बताया कि इस काम के लिए पूरे राज्य में कुल 783 खरीद केंद्र बनाए गए हैं. राज्य के खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्री ने अपने कैबिनेट सहयोगियों, सांसदों और विधायकों से अपने-अपने इलाकों में खरीद केंद्रों का दौरा करने और इस पहल का उद्घाटन करने की अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से 2,450 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से धान खरीदेगी.
राज्य के ई-उपार्जन पोर्टल के अनुसार, अधिकारियों ने लगभग 60 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य रखा है. झारखंड कैबिनेट ने 8 दिसंबर को फैसला किया था कि राज्य के किसानों को 2025-26 वित्तीय वर्ष में फसल के लिए केंद्र सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अलावा प्रति क्विंटल धान पर 81 रुपये का बोनस मिलेगा. राज्य मंत्रिपरिषद ने किसानों से धान की खरीद पर बोनस के तौर पर 48.60 करोड़ रुपये भी मंजूर किए. अधिकारी ने बताया कि MSP और बोनस मिलाकर 2,450 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है.
अधिकारियों ने कहा कि किसानों को सरकार द्वारा खरीदे जाने वाले धान के लिए एकमुश्त पेमेंट भी मिलेगा, न कि किश्तों में जैसा पहले होता था. हालांकि, BJP ने सरकार पर धान की खरीद में देरी करने और किसानों को अपनी उपज कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया. विपक्ष के नेता और झारखंड BJP प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को खत्म हुए शीतकालीन सत्र के दौरान आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी धान खुले बाज़ार में 1,500 और 1,600 रुपये प्रति क्विंटल के मामूली दाम पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि सरकार ने अभी तक खरीद शुरू नहीं की है.
गौरतलब है कि 2024-25 में, सरकार ने 60 लाख क्विंटल के टारगेट के मुकाबले सबसे ज़्यादा 40.08 लाख क्विंटल धान खरीदा था. हालांकि, 2023-24 और 2022-23 में, खरीद क्रमशः 17.02 और 17.16 लाख क्विंटल थी. ई-उपार्जन पोर्टल के अनुसार, इस दौरान राज्य में सूखे जैसे हालात थे. सरकार को उम्मीद है कि इस बार समय पर खरीद शुरू होने और बेहतर व्यवस्था के चलते लक्ष्य के करीब पहुंचा जा सकेगा. किसानों को भी उम्मीद है कि MSP और बोनस के साथ धान की खरीद से उन्हें उनकी फसल का सही दाम मिलेगा.
ये भी पढ़ें-