
देश के प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्यों में इस कृषि उपज की मंडियों में कीमतें एमएसपी से बेहद नीचे चल रही हैं. सोयाबीन के तीन प्रमुख उत्पादक राज्यों में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान शामिल हैं. लेकिन, यहां किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य 5328 रुपये क्विंटल के मुकाबले काफी कम भाव मिल रहे हैं. आज 11 दिसबर को कई जगह बाजारों में रेट घटकर 2100 रुपये प्रति क्विंटल से 4500 रुपये क्विंटल के बीच मिले, जिससे किसानों को भारी घाटा उठाना पड़ा. महाराष्ट्र की कई मंडियों में औसत कीमत 4000 से 4300 रुपये के बीच रही, जबकि कुछ स्थानों पर दाम इससे भी नीचे फिसल गए.
राजस्थान में भी अधिकांश मंडियों में कीमतें 3700 से 4400 रुपये के आसपास रहीं, जो एमएसपी के मुकाबले काफी कम हैं. मध्य प्रदेश में कई मंडियों में भाव 3900 से 4500 रुपये क्विंटल के दायरे में रहे. हालांकि, यहां राज्य सरकार ने भावांतर योजना लागू की हुई है, जिसके तहत मॉडल रेट तय करने के बाद एमएसपी और वास्तविक कीमत के अंतर को किसानों को भुगतान किया जाता है. इसके बावजूद लगातार गिरते बाजार भाव से किसानों की चिंता बढ़ी हुई है और उन्हें लागत निकालने तक में मुश्किल हो रही है. जानिए तीनों राज्यों में सोयाबीन के ताजा भाव...
| मंडी | वैरायटी/ग्रेड | न्यूनतम कीमत (रु/क्विंटल) | अधिकतम कीमत (रु/क्विंटल) | औसत कीमत (रु/क्विंटल) |
| अलीराजपुर APMC | सोयाबीन FAQ | 4000 | 4000 | 4000 |
| अशोकनगर APMC | सोयाबीन FAQ | 3690 | 4356 | 4191 |
| मुन्गावली APMC (अशोकनगर) | सोयाबीन FAQ | 4070 | 4105 | 4105 |
| खेतिया APMC (बड़वानी) | सोयाबीन FAQ | 4000 | 4370 | 4370 |
| सेंधवा APMC (बड़वानी) | सोयाबीन FAQ | 4100 | 4345 | 4345 |
| भेंसदेही APMC (बैतूल) | सोयाबीन FAQ | 4041 | 4171 | 4100 |
| बेरासिया APMC (भोपाल) | सोयाबीन FAQ | 2100 | 4800 | 4180 |
| बेरासिया APMC (भोपाल) | सोयाबीन येलो | 2755 | 4990 | 4150 |
| भोपाल APMC | सोयाबीन FAQ | 3350 | 4258 | 4206 |
| बुरहानपुर APMC | सोयाबीन FAQ | 3892 | 4950 | 4950 |
मध्य प्रदेश में भोपाल की बेरसिया कृषि उपज मंडी में सोयाबीन की न्यूनतम कीमत 2100 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज की गई. वहीं, इसी मंडी में येलो सोयाबीन किस्म का अधिकतम भाव 4990 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया.
| मंडी | वैरायटी/ग्रेड | न्यूनतम कीमत (रु/क्विंटल) | अधिकतम कीमत (रु/क्विंटल) | औसत कीमत (रु/क्विंटल) |
| अकोला APMC | येलो / नॉन FAQ | 4000 | 4705 | 4400 |
| मूर्तिजापुर APMC (अकोला) | येलो / नॉन FAQ | 3800 | 4410 | 4105 |
| अमरावती APMC | अन्य / लोकल | 3900 | 4350 | 4125 |
| मजलगांव APMC (बीड़) | अन्य / लोकल | 3500 | 4411 | 4300 |
| चिखली APMC (बुलढाणा) | येलो / नॉन FAQ | 3750 | 4731 | 4250 |
| मलकापुर APMC (बुलढाणा) | येलो / नॉन FAQ | 3925 | 4550 | 4265 |
| चंद्रपुर APMC | अन्य / लोकल | 4000 | 4340 | 4185 |
| राजुरा APMC (चंद्रपुर) | येलो / नॉन FAQ | 3600 | 4205 | 4115 |
| छत्रपति संभाजीनगर APMC | अन्य / लोकल | 4275 | 4350 | 4312 |
| पैठण APMC (छत्रपति संभाजीनगर) | येलो / नॉन FAQ | 4346 | 4346 | 4346 |
महाराष्ट्र में सोयाबीन की कीमतें एमएसपी से काफी नीचे चल रही हैं. किसानों को 5328 रुपये एमएसपी भी नहीं मिल रहा है. ऐसे में किसान पिछले साल महायुति के 6000 रुपये प्रति क्विंटल भाव देने के वादे को पूरा न करने से नाराज हैं.
| मंडी | वैरायटी/ग्रेड | न्यूनतम कीमत (रु/क्विंटल) | अधिकतम कीमत (रु/क्विंटल) | औसत कीमत (रु/क्विंटल) |
| अंता APMC (बारां) | अन्य / लोकल | 4079 | 4300 | 4189 |
| बारां APMC | अन्य / लोकल | 3900 | 4450 | 4360 |
| देई APMC (बूंदी) | अन्य / लोकल | 3640 | 4478 | 4300 |
| निंबहेड़ा APMC (चित्तौड़गढ़) | सोयाबीन / FAQ | 3650 | 4470 | 4060 |
| भवानी मंडी APMC (झालावाड़) | सोयाबीन/ लोकल | 3800 | 4572 | 4186 |
| इकलेरा APMC (झालावाड़) | सोयाबीन/ लोकल | 3800 | 4460 | 4130 |
| झालरापाटन APMC (झालावाड़) | अन्य / लोकल | 4010 | 4525 | 4385 |
| खानपुर APMC (झालावाड़) | सोयाबीन / FAQ | 4100 | 4499 | 4275 |
| कोटा APMC | लोकल / लोकल | 4370 | 4370 | 4370 |
| मनुहारथाना APMC (कोटा) | सोयाबीन / नॉन FAQ | 4000 | 4300 | 4150 |
| छोटी सादड़ी APMC (प्रतापगढ़) | सोयाबीन / FAQ | 4000 | 4399 | 4280 |
| प्रतापगढ़ APMC | अन्य / FAQ | 3701 | 4515 | 4200 |
तीसरा सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक राजस्थान के किसान भी दाम गिरने के सितम से अछूते नहीं हैं. यहां भी ज्यादातर मंडियों में कीमतें एमएसपी से बहुत नीचे हैं.
FAQ (फेयर एवरेज क्वालिटी) और Non-FAQ (नॉन- फेयर एवरेज क्वालिटी) उपज की ग्रेडिंग के लिए अपनाएं जाने वाले टर्म हैं. आसान भाषा में कहा जाए तो FAQ ग्रेड वाली उपज नमी, टुकड़े आदि जैसे मानकों के मामले में क्वालिटी में खरी उतरती है और सरकारी खरीद के योग्य मानी जाती है. वहीं, Non-FAQ क्वालिटी के मानकों को पूरा नहीं करती, इसलिए सरकारी खरीद के दायरे के बाहर मानी जाती है और किसानों को इसका दाम कम मिलता है.